मौसम के बदलाव से सर्दी-खांसी-बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि
स्वास्थ्य विभाग की सलाह मौसम के बदलाव से सर्दी-खांसी-बुखार के मरीजों की संख्या में वृद्धि
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। कोरोना की तीसरी लहर के चलतेे तेजी से बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या व मौसम के बदलाव के कारण सरकारी व निजी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए चिकित्सकों द्वारा नागरिकों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। किसी व्यक्ति को 3 से 5 दिन या इससेे अधिक दिनों तक बुखार, सर्दी, खांसी की समस्या रहती है, तो तुरंत अपने नजदीकी अस्पताल में कोरोना जांच कराने की सलाह चिकित्सकों द्वारा दी जा रही हैं। बता दें कि जिले में रविवार, 2 जनवरी को 9 कोरोना संक्रमित मिले है, तो एक मरीज की मृत्यु हुई है। जिससे नागरिकों में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भय का माहौल है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से नागरिकों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के दो चरणों के भयानक रूप को सभी ने देखा है। समय पर उपचार न करने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसलिए तीन दिनों से अधिक समय तक लक्षण रहने पर तत्काल जांच की जाए। ऐसी सलाह शहर के चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है।
स्वयं को करें आइसोलेट
डाॅ. सुवर्णा हुबेकर, निवासी वैद्यकीय अधिकारी के मुताबिक सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों में वृद्धि हुई है। ऐसे मरीज कोरोना संदिग्ध के तौर पर स्वयं को आइसोलेट करना चाहिए। कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मौसमी सर्दी, खांसी, बुखार कहा जा सकता है। विदेश से आनेवाले व्यक्ति व उनके संपर्क में आनेवाले लोगों को जांच करना जरूरी है
चिकित्सकों की सलाह से लें दवाएं
डाॅ. सुनील देशमुख, बालरोग विशेषज्ञ के मुताबिक मरीजों को सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण होने पर कोरोना जांच कराना चाहिए। स्वयं होकर दवाएं लेना खतरनाक हो सकता है। इससे और अधिक परेशानी हो सकती है। ओपीडी में आनेवाले मरीज को इस तरह के लक्षण होते है तो उन्हें कोरोना जांच करने की सलाह दी जाती है।
कोरोना जांच करना जरूरी
डाॅ. सायस केंद्रे, प्रसूति विशेषज्ञ के मुताबिक मौसम में बदलाव की वजह से बीमारियां बढ़ती है। साधारण सर्दी, खांसी तीन से पांच दिनों मंे ठीक होती है। इससे अधिक दिन सर्दी, खांसी, बुखार रहा तो कोरोना की जांच करना बेहद जरूरी है।