बैंक में खाता खोलने आए 3 जालसाज पकड़ाए
गोंदिया बैंक में खाता खोलने आए 3 जालसाज पकड़ाए
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। बैंक ऑफ बड़ौदा की देवरी शाखा में खाता खोलने आए कुछ लोगों के दस्तावेज संदिग्ध होने का संदेह होेने पर बैंक द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। जिसके बाद पुलिस ने बैंक में पहुंचकर पूछताछ का प्रयास किया तो संदिग्ध व्यक्ति इधर-उधर भागने लगे, लेकिन पुलिस ने उनका पीछा कर 5 में से 3 लोगों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की। आरोपियों के खिलाफ देवरी पुलिस स्टेशन में भादंवि की धारा 465, 468, 471, 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। घटना 29 जनवरी को घटित हुई।
घटना के संदर्भ में प्राप्त जानकारी के अनुसार 29 जनवरी को शाम 4 बजे के दौरान पुलिस हवलदार ज्ञानीराम दुधराम करंजेकर (50) पुलिस स्टेशन में हाजिर थे। इसी दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा देवरी शाखा से उन्हें फोन पर जानकारी मिली कि, बैंक में कुछ व्यक्ति खाता खोलने के लिए आए हुए हैं और उनके पास के दस्तावेज संशयास्पद लग रहे हैं। जानकारी मिलने के बाद करंजेकर अपने सहयोगी पुलिस कर्मियों के साथ बैंक पहुंचे, जहां चार-पांच व्यक्ति दिखाई पड़े, जो पुलिस को देखकर यहां-वहां भागने लगे। पुलिस ने उनका पीछा कर तीन लोगों को पकड़ लिया जबकि दो अन्य भागने में कामयाब हो गए।
पुलिस स्टेशन में लाकर जब उनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना नाम बनपुरी जिला नागपुर निवासी मनोज उद्धव मेश्राम (32), नगरधन जिला नागपुर निवासी विजय महादेव ठाकरे (47) एवं तारसा जिला नागपुर निवासी राजेंद्र मधुकर मेश्राम (40) बताए। तीनों व्यक्तियों के पास अलग-अलग नाम के आधार कार्ड, वोटिंग कार्ड, इलेक्ट्रिक बिल एवं अलग-अलग व्यक्तियों के पासपोर्ट फोटो दिखाई पड़ने पर पंचों के समक्ष उनकी तलाशी ली गई। तलाशी में सभी के पास अलग-अलग आधार कार्ड, बैंक ऑफ बड़ौदा के फसल कर्ज का नो डिव फार्म, इलेक्ट्रिक बिल, अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड तथा अन्य दस्तावेज पाए गए।
पुलिस द्वारा दस्तावेजों के संबंध में जब उनसे पूछताछ की गई तो वे कोई समाधानकारक उत्तर नहीं दे सके। जिससे यह स्पष्ट हुआ कि तीनों व्यक्ति आपसी साठगांठ कर धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से विभिन्न व्यक्तियों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन पर अपना फोटो लगाकर उन्हें सत्य सिद्ध करने का प्रयास कर रहे थे। तीनों के खिलाफ देवरी पुलिस स्टेशन में पुलिस हवलदार ज्ञानीराम करंजेकर (50) की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस आगे की जांच कर उनके अन्य साथियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इस मामले की जांच पुलिस निरीक्षक रेवचंद सिंगनजुड़े के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक उरकुडे कर रहे हैं।