पीकेवी कुलगुरू पद पर प्रा.डा.गडाख की नियुक्ति

अकोला पीकेवी कुलगुरू पद पर प्रा.डा.गडाख की नियुक्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2022-09-20 12:15 GMT

डिजिटल डेस्क, अकोला.  डा पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरू पद पर महात्मा फुले कृषि विश्वविदयालय के संशोधन व विस्तार शिक्षा संचालक डा शरद गडाख की नियुक्ति प्रदेश के राज्यपाल तथा प्रतिकुलपति ने की है। वे जल्द ही पीकेवी के 22 वे कुलगुरू के रूप में पदभार संभालेंगे। ऐसी जानकारी कुलसचिव प्रा सुरेंद्र कालबांडे ने दी। वर्तमान में  प्रा डॉ. शरद गडाख महात्मा फुले कृषि विश्वविद्याल के संशोधन व विस्तार शिक्षा संचालक पद पर कार्यरत है। उनकी कृषि विद्यापीठ में 38 वर्ष की सेवा पूर्ण हो गई है। अपने नियुक्ति कार्यकाल में उन्होंने विविध पदों पर काम किया है। उनके कार्यकाल में विद्यापीठ ची स्वयंपूर्ण की ओर बढ रहा है। उनके नाविन्यपूर्ण उपक्रम महात्मा फुले कृषि विद्यापीठा में संचालित किए जा रहे है। उपक्रमों में बंजर जमीनन को बुआई योग्य बनाना, विद्यापीठ के कार्य क्षेत्र में आने वाले प्रत्येक जिले में विक्री केंद्र आरंभ करना, फलबाग के तहत बुआई क्षेत्र बढाना, विविध फलों के प्रात्यक्षिक प्रकल्प, सेंद्रिय खाद प्रकल्प, देशी गाय संशोधन व प्रशिक्षण केंद्र, खेती में ड्रोन तकनीक का  इस्तेमाल , अधिक से अधिक क्षेत्र सूक्ष्म सिंचाई में लाना, बीजोत्पादन बढाना, एकात्मिक खेती पध्दती मॉडेल, मॉडेल व्हिलेज समेत कई नाविन्यपूर्ण उपक्रम संचालित किया। इन उपक्रमों के चलते विदयापीठ के राजस्व में बढोतरी होकर किसानों को उनके ही जिले में विदयापीठ के उत्पादन मिलना सुलभ हो गया। इसके अलावा पहली बार किसानों को प्रथम व मॉडेल व्हिलेज संकल्पने के चलते कृषि विस्तार में नए मापदंड निर्माण हुए।

अपने कार्यकाल के दौरान डा गडाख ने शिक्षा, संशोधन व विस्तार में उल्लेखनीय कार्य किया है। डा तडाख ने सब्जी के 19 प्रजाती विकसित किया है जिसमें बैंगन एक, करेला पांच, ककडी के दो, सेम एक, ज्वार के नौ प्रजाती शामिल है। डा तडाख के  अब तक 80 संशोधन लेख, 43 तकनीक लेख, 144 विस्तार लेख तथा विविध लेख प्रकाशित हुए हैं। किसानों को डा तडाख ने दूरदर्शन व आकाशवाणी से प्रकाशित होने वाले कृषि कार्यक्रम से मार्गदर्शन किया। उनके द्वारा विकसित ज्वार के पंचसूत्रीय व्यवस्थापन तकनीक के कारण किसानों को असिंचित ज्वार से  शाश्वत आय मिलने लगी। डा तडाख के शिक्षा, संशोधन व कृषि विस्तार में दिए गए अभूतपूर्व योगदान के लिए वैश्विक स्तर पर एक पुरस्कार, राष्ट्रीय स्तर पर तीन तीन पुरस्कार तथा राज्य स्तर पर 6 पुरस्कार प्राप्त किया है। पीकेवी के कुलगुरू पद  पर विदर्भ की खेती व किसान को काफी लाभ होगा ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। 

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