जीएसटी क्षतिपूर्ति की अनुमानित 1.10 लाख करोड़ रुपये (100 फीसदी) राशि जारी कर दी गईसोमवार 15 मार्च 2021 को 4,104 करोड़ रुपये 20वीं किस्त के रूप में जारी किए गए!
जीएसटी क्षतिपूर्ति की अनुमानित 1.10 लाख करोड़ रुपये (100 फीसदी) राशि जारी कर दी गईसोमवार 15 मार्च 2021 को 4,104 करोड़ रुपये 20वीं किस्त के रूप में जारी किए गए!
डिजिटल डेस्क | वित्त मंत्रालय जीएसटी क्षतिपूर्ति की अनुमानित 1.10 लाख करोड़ रुपये (100 फीसदी) राशि जारी कर दी गई सोमवार 15 मार्च 2021 को 4,104 करोड़ रुपये 20वीं किस्त के रूप में जारी किए गए| वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने जीएसटी राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 20वीं और अंतिम साप्ताहिक किस्त के तहत 4,104 करोड़ रुपये जारी किए। जारी की गई राशि में से 4086.97 करोड़ रुपये 23 राज्यों को और 17.03 करोड़ रुपये की राशि 3 केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई है। जिन केंद्रशासित प्रदेशों मेंविधानसभा हैं। 20वीं किस्त जारी होने के साथ ही वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कुल अनुमानित जीएसटी क्षतिपूर्ति की 100 फीसदी राशि 1.10 लाख करोड़ रुपये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी कर दी गई है। इसके तहत 1,01,329 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को और 8,879 करोड़ रुपये की राशि विधानसभा वाले 3 केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई है।
भारत सरकार नेअक्टूबर 2020 में जीएसटी राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए विशेष उधारी खिड़की की व्यवस्था की गई। जिसके तहत 1.10 लाख करोड़ रुपये जीएसटी क्षतिपूर्ति का अनुमान लगाया गया था। इसके लिए 23 अक्टूबर 2020 से शुरू हुई कर्ज देने की प्रक्रिया अब 20वीं किस्त देने के बाद पूरी हो गई है। इस विशेष खिड़की के तहत 3 साल और 5 साल की अवधि वाले सरकारी स्टॉक मेंभारत सरकार उधार लेती रही है। उधारी के तहत कर्ज की अवधि को राज्यों के लिए समान रूप से तय किया गया। जो कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में आई कमी की भरपाई के आधार पर तय की गई थी। मौजूदा किस्त जारी करने के बाद 5 साल और 3 साल के तहत बाकी राशि को देने का कार्य 23 राज्यों और विधानसभाओं वाले 3 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पूरा हो गया है।
जबकि बचे 5 राज्यों के जीएसटी राजस्व में कमी नहीं आई है। इस हफ्ते राज्यों को जो राशि जारी की गई है, वह 20वीं किस्त है। केंद्र सरकार ने यह रकम इस हफ्ते 4.9288 फीसदी के ब्याज पर कर्ज के रूप में ली है। केंद्र सरकार ने विशेष उधार खिड़की के तहत कुल1,10,208 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। जिस पर उसे औसतन 4.8473 फीसदी का ब्याज चुकाना होगा। विशेष उधार खिड़की के द्वारा पूंजी चुकाने के साथ-साथ भारत सरकार ने जीएसटी लागू करने में आई राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए, राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 फीसदी अतिरिक्त राशि के रूप में उधार लेने का भी विकल्प दिया था। इसके लिए सभी राज्यों ने विकल्प-1 का चयन किया था।
इसके तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ (राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 फीसदी) की अतिरिक्त उधारी का भी प्रावधान किया गया है। इस कदम से राज्यों को पूंजी जुटाने का अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध हुआ है। 28 राज्यों द्वारा अतिरिक्त उधारी के रूप में दी गई अनुमति और उसके तहत विशेष खिड़की से जुटाई रकम और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई रकम की विस्तृत जानकारी परिशिष्ट में दी गई है।
जीएसडीपी की 0.50 फीसदी की राज्यवार अतिरिक्त उधार की अनुमति दी गई और विशेष उधार खिड़की के जरिए जुटाई गई धनराशि राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में दिनांक 15 मार्च 2021 तक हस्तांतरित की गई रकम (सभी आंकड़े करोड़ रुपये में हैं) क्रम संख्या राज्य/ केंद्रशासित प्रदेश राज्यों को सकल घरेलू उत्पाद के 0.50 फीसदी के बराबर रकमजुटाने की अनुमति विशेष खिड़की के जरिए जुटाई गई राशि और राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को हस्तांतरित कर दी राशि 1 आंध्र प्रदेश 5051 2311.00 2 अरुणाचल प्रदेश* 143 0.00 3 असम 1869 994.00 4 बिहार 3231 3905.00 5 छत्तीसगढ़ 1792 3109.00 6 गोवा 446 840.00 7 गुजरात 8704 9222.00 8 हरियाणा 4293 4352.00 9 हिमाचल प्रदेश 877 1717.00 10 झारखंड 1765 1689.00 11 कर्नाटक 9018 12407.00 12 केरल 4,522 5766.00 13 मध्य प्रदेश 4746 4542.00 14 महाराष्ट्र 15394 11977.00 15 मणिपुर* 151 0.00 16 मेघालय 194 112.00 17 मिजोरम* 132 0.00 18 नागालैंड* 157 0.00 19 ओडिशा 2858 3822.00 20 पंजाब 3033 8359.00 21 राजस्थान 5462 4604.00 22 सिक्किम* 156 0.00 23 तमिलनाडु 9627 6241.00 24 तेलंगाना 5017 2380.00 25 त्रिपुरा 297 226.00 26 उत्तर प्रदेश 9703 6007.00 27 उत्तराखंड 1405 2316.00 28 पश्चिम बंगाल 6787 4431.00 कुल (क): 106830 101329.00 1 दिल्ली लागूनहीं 5865.00 2 जम्मू एवं कश्मीर लागूनहीं 2272.00 3 पुडुचेरी लागूनहीं 742.00 कुल (ख): लागूनहीं 8879.00 कुल रकम (क ख) 106830 110208.00 * इन राज्यों में जीएसटी क्षतिपूर्ति अंतर ‘शून्य’ है|