अब सिंगापुर में पलेगी-बढ़ेगी अकोला की अनाथ बालिका

अदालत अब सिंगापुर में पलेगी-बढ़ेगी अकोला की अनाथ बालिका

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-11 12:31 GMT
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डिजिटल  डेस्क, अकोला. बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम 2015 को 2021 में संशोधित किया गया था। इस संशोधन के अनुसार अनाथालयों से बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया जो अदालत से होती थी वह अब जिला मजिस्ट्रेट द्वारा की जा रही है। अकोला की जिलाधिकारी नीमा अरोड़ा इस बदलाव के बाद पहला दत्तक स्थानांतरण आदेश जारी करने वाली पहली कलेक्टर बन गई हैं। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी विलास मारसाले ने जानकारी दी है कि उत्कर्ष शिशु गृह की साढ़े चार माह की बच्ची को सिंगापुर के माता-पिता ने गोद लिया है। जनवरी 2022 में यहां उत्कर्ष नर्सरी में एक बच्ची को भर्ती कराया गया था। उस वक्त यह बच्ची महज 4-5 दिन की थी। वह एक बाल गृह में पली-बढ़ी। इस बीच, कारा इस संगठन ने  सिंगापुर के एक भारतीय दंपत्ति ने इन अनाथों के घरेलू और अंतर-देशीय गोद लेने की प्रक्रिया पर काम करने के साथ बच्चे की मांग दर्ज कराई थी इस बच्ची के बारे में जानकारी उन अभिभावकों को दी गई को दी गई। वह इस लड़की को गोद लेने के लिए राजी हो गया। उसके बाद उत्कर्ष बाल गृह अधीक्षक प्रीति डंडेल ने यह प्रस्ताव जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी विलास मारसाले को भेजा। किशोर न्याय अधिनियम 2015 के संशोधित प्रावधानों के अनुसार मामले को जिला कलेक्टर के समक्ष सुनवाई के लिए रखा गया था। इस मामले में तीन सुनवाई हुई। इन सुनवाई के लिए बच्ची गोद लेने के इच्छुक अभिभावकों को व्यक्तिगत रूप से जिला कलेक्टर के समक्ष पेश होना पड़ा। इन सुनवाई के बाद कलेक्टर नीमा अरोड़ा ने गुरुवार (6 अक्टूबर) को आदेश जारी कर बच्ची को उसके माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया।

अंतरराष्ट्रीय बालिका दिन आज

उधर वाशिम में 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिन का औचित्य साधकर जिले की प्राथमिक व माध्यमिक शाला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गांवस्तर के ग्राम पंचायत व अांगनवाड़ी कार्यालयाें में विविध कार्यक्रमाें का आयोजन किया जाएंगा। इन कार्यक्रमों में स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा आयोजित कर प्रमाणपत्र देना, वाद-विवाद व वकृत्व स्पर्धा का आयोजन करना, हाथ धोना और व्यक्तिगत स्वच्छता पर आधारित कार्यक्रमाें का आयोजन करना, अांगनवाड़ी केंद्र, शाला, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर औषधियुक्त वनस्पति का पौधारोपण कर वाटिका तैयार करना, घर-घर योग परिवार के साथ योग दिन के मद्देनज़र अांगनवाड़ी केंद्र तथा घर-घर योग शिविरों का आयोजन किया जाएंगा। साथही इसे लेकर जनजागृति भी की जाएंगी। गर्भवती माता व किशोरआयु बालिकाओं के लिए अांगनवाड़ी केंद्राें मंे योग शिविर का आयोजन, ग्रामस्तर पर जन्मी कन्याओं के जन्म का स्वागत, उनके पालकों का सत्कार व बच्चियों के नाम से पौधारोपण करना, लड़के जितना लड़कियों का जन्मदर बढ़ाने हेतु प्रोत्साहित करना, किशोरआयु बालिकाओं के लिए माहवारी को लेकर मार्गदर्शक शिविर का आयोजन, बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आर्थिक नियोजन करना आदि कार्यक्रमों का इसमें समावेश रहने की जानकारी उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (बाल कल्याण) संजय जोल्हे ने दी।

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