कृषि अभियांत्रिकी विद्यार्थियों का बैठा आंदाेलन

अकोला  कृषि अभियांत्रिकी विद्यार्थियों का बैठा आंदाेलन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-03-10 11:55 GMT
कृषि अभियांत्रिकी विद्यार्थियों का बैठा आंदाेलन

 डिजिटल डेस्क, अकोला. महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग के माध्यम से कृषि सेवा परीक्षा के मुख्य पेपर के पाठ्‌यक्रम में किए गए बदलाव का पुन:ह विचार किया जाए।  ऐसी मांग पीकेवी के कृषि अभियांत्रिकी शाखा के विद्यार्थियों ने करते हुए कुलगुरू के प्रांगण में बैठा आंदोलन किया। जल्द ही इस पर विचार नहीं किया गया तो आगामी दिनों में तीव्र आंदोलन किया जायेगा। ऐसी चेतावनी भी विद्यार्थियों ने दी। एमपीएससी की ओर से राजपत्रिक तकनीक सेवा संयुक्त परीक्षा के अंतर्गत कृषि सेवा मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। इस पाठ्यक्रम के बदलाव को लेकर पुर्नविचार किया जाए व परीक्षा पर अस्थायी स्थगति लगाई जाए। ऐस मांग महाराष्ट्र राज्य कृषि अभियांत्रिकी संगठना की ओर से की गई। पीकेवी के कुलगुरू डा विलास भाले के कार्यालय प्रांगण में विद्यार्थियों ने सोमवार से बैठा आंदोलन आरंभ किया है। कृषि सेवा मुख्य परीक्षा के नए पाठ्यक्रम 11 फरवरी को लोकसेवा आयोग के संकेत स्थल पर प्रसिध्द किया गया है। इस पाठ्यक्रम में कृषि शाखा के विद्यार्थियों को प्रधानता दी गई है। कृषि अभियांत्रिकी के साथ अन्य विद्या शाखा के विद्यार्थियों पर पाठ्यक्रम में अन्याय किया गया है। ऐसा आरोप आंदोलन में शामिल विद्यार्थियों ने लगाया। पूर्व पाठ्यक्रम में अभियांत्रिकी इस पदवी को 280 अंक का पाठ्यक्रम दिया गया था किंतु इस पाठ्यक्रम में 16 अंक पर लाया गया है। कृषि अभियांत्रिकी के विद्यार्थियों को परीक्षा से बाहर करने का षंडयंत्र एमपीएससी आयोग ने रचा है ऐसा भी आरोप विद्यार्थियों ने लगाया। विद्यार्थियों के आंदोलन को देखते हुए कुलकुरू ने विद्यार्थियों के प्रतिनिधियों से चर्चा का उनका ज्ञापन स्विकार किया। लेकिन विद्यार्थियों ने चेतावनी दी कि जब तक प्रशासन इस संदर्भ में ठोस निर्णय नहीं लेता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा, ऐसी जानकारी भी विद्यार्थियों ने दी। कृषि विभाग की 80 प्रतिशत योजना कृषि अभियांत्रिक से सम्बन्धित होने के बावजूद भी अभियांत्रिकी शिक्षा को दु्य्यम स्तर क्यों दिया जा रहा है। इस जवाब एमपीएसी आयोग दे ऐसी मांग भी विद्यार्थियों द्वारा की जा रही है। कृषि क्षेत्र में यांत्रिकी करण के माध्यम से नई नई तकनीक लाने के लिए पढाई करने वाले विद्यार्थियों का नुकसान हो रहा है। जिससे यह आंदोलन वापस नहीं लिया जायेगा, यदि इस संदर्भ में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो इससे भी तीव्र आंदोलन किया जायेगा। ऐसी चेतावनी भी आंदोलन में शामिल विद़्यार्थियों ने दी।

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