खनन गतिविधियों से राजस्व बढ़ाने की बनेगी कार्ययोजना, पुलिस-प्रशासन के सहयोग से अवैद्य खनन गतिविधियों पर लगेगी लगाम -एसीएस!
खनन गतिविधियों से राजस्व बढ़ाने की बनेगी कार्ययोजना, पुलिस-प्रशासन के सहयोग से अवैद्य खनन गतिविधियों पर लगेगी लगाम -एसीएस!
डिजिटल डेस्क | खनन गतिविधियों से राजस्व बढ़ाने की बनेगी कार्ययोजना, पुलिस-प्रशासन के सहयोग से अवैद्य खनन गतिविधियों पर लगेगी लगाम -एसीएस जयपुर, 2 जून। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य में खनन गतिविधियों से राज्य सरकार का राजस्व बढ़ाने के लिए समन्वित कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने अवैद्य खनन गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस-प्रशासन के सहयोग से अवैद्य खनन पर कारगर रोक के लिए योजनाबद्ध व समन्वित कदम उठाए जाएंगे। एसीएस डॉ. अग्रवाल बुधवार को सचिवालय से माइंस विभाग के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से रुबरु हो रहे थे।
उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद खान विभाग ने चालू वित वर्ष के शुरुआती दो माहों मेंं रेकार्ड 614 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है जो सामान्य वर्ष 2019-20 के शुरुआती दो माहों से भी अधिक है। उन्हाेंने बताया कि अप्रेल-मई 2019 में 606 करोड़ 31 लाख रुपये और अप्रेल-मई 2020 में 252.86 करोड़ रुपए का ही राजस्व अर्जित किया था। उन्होंने बताया कि कोविड के बावजूद समन्वित प्रयासों से ही अधिक राजस्व अर्जन हो सका है। इसकी सराहना करते हुए उन्होंने अधिकारियों को बधाई भी दी। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि अवैद्य खनन और निर्गमन बड़ी समस्या है। बजरी की तीन लीज जारी कर दी गई है। इससे करीब 10 प्रतिशत मांग की पूर्ति हो सकेगी।
अब इस तरह की रणनीति तय करनी होगी जिससे बजरी के अवैद्य खनन और निर्गमन को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ाने और अवैद्य खनन गतिविधियों पर रोक के लिए अधिक से अधिक मेजर व माइनर ब्लॉक्स चिन्हित कर उनकी नीलामी की कार्यवाही की जाएगी, इससे वैद्य खनन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा। अवैद्य खनन गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए पिछले दिनों जब्तशुदा वाहनों, खनिज सामग्री, बजरी, उपकरण आदि को राज्य सरकार के पक्ष में अधिग्रहण करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे भी अवैद्य खनन पर सिकंजा कसेगा। एसीएस ने बताया किखनिज विभाग की एमनेस्टी योजना में 30 मार्च, 21 तक 2052 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए रेकार्ड 44 करोड़ 5 लाख रुपए से अधिक की राशि वसूल की गर्ई है।
विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की समय-समय पर लागू योजनाओं में यह अब तक की सर्वाधिक वसूली है।उन्होंने राजस्व वृद्धि और अवैद्य खनन पर रोक के लिए अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन से शेष रहे कार्यालयों को भी समन्वय बनाते हुए स्वयं व परिवार के सदस्यों के वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए। निदेशक माइंस श्री केबी पण्डया ने बताया कि राज्य में नीलामी के लिए मजर मिनरल के लगभग तैयार चार ब्लाकों की नीलामी की कार्यवाही एक सप्ताह में शुरु कर दी जाएगी। इसी तरह से नीलामी के लिए नए ब्लॉक तैयार करने व उनकी नीलामी के कार्य में तेजी लाई जा रही है।
बैठक मेंं श्री पण्डया ने बकाया प्रकरणों के प्राथमिकता से निस्तारण, बजट घोषणाओं की क्रियान्विति, विधान सभा के लंबित प्रश्नों के उत्तर भिजवाने और न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के जबावदावें समय पर तैयार कराकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। निदेशक श्री पण्डया ने बताया कि खनिज विभाग के अधिकांश कार्यालयों में कोरोना वैक्सीनेशन करवाया जा चुका है और वैक्सीनेशन से बकाया रहे कार्यालयों में जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय बनाते हुए जल्दी ही शिविर आयोजित कराकर वैक्सीनेशन करवा लिया जाएगा। निदेशक माइंस श्री पण्डया के साथ जयपुर से श्री बीएस सोढा, श्री प्रदीप अग्रवाल, एसएमईई श्री महेश माथुर, श्री आलोक जैन आदि ने हिस्सा लिया। बैठक में खान निदेशालय उदयपुर, सभी अतिरिक्त निदेशक कार्यालयों के साथ ही एसएमई, एमई और एएमई कार्यालयाेंं के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।