भारतीय और असमिया मीडिया में समाचार रिपोर्टिंग के साथ एक नया पुनर्जागरण हो रहा है, जिनमें विकासात्मक एवं जन-केंद्रित कहानियों की अधिक खबरें आ रही हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह!

भारतीय और असमिया मीडिया में समाचार रिपोर्टिंग के साथ एक नया पुनर्जागरण हो रहा है, जिनमें विकासात्मक एवं जन-केंद्रित कहानियों की अधिक खबरें आ रही हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-16 09:38 GMT

डिजिटल डेस्क | पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय भारतीय और असमिया मीडिया में समाचार रिपोर्टिंग के साथ एक नया पुनर्जागरण हो रहा है, जिनमें विकासात्मक एवं जन-केंद्रित कहानियों की अधिक खबरें आ रही हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह| केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि साल 2014 भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि इसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जमीनी लोकतंत्र के उदय के एक नए अध्याय की शुरुआत की।

उन्होंने भारतीय जनसंचार संस्थान द्वारा आयोजित एक सेमिनार “असम में 175 साल की पत्रकारिता” को संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय और असमिया, दोनों मीडिया में एक नया पुनर्जागरण हो रहा है, जहां समाचार रिपोर्टिंग एक बड़े बदलाव से गुजर रही है और विकासात्मक एवं जन-केंद्रित खबरें अधिक आ रही हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में असम मीडिया की सुर्खियों में विकासात्मक कहानियों जैसे; राजमार्ग एवं पुल, नए हवाईअड्डे, अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास की खबरें अधिक हैं और अब चरमपंथी हिंसा की नकारात्मक कहानियां इन पर हावी नहीं हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह एक संभावित सह-घटना है कि जब हम असम में 175 साल की पत्रकारिता का जश्न मना रहे हैं, भारत भी अपने स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्ष के उत्सव में प्रवेश कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की आजादी के 75वें वर्ष के समारोहों को चिह्नित करने के लिए पांच स्तंभों को सूचीबद्ध किया है और कहा है कि यह स्वतंत्रता संग्राम की भावना को चिह्नित करने और उन लोगों के बलिदानों के बारे में बात करने का एक उत्सव होना चाहिए, जिन्होंने इसे संभव बनाया है। पांच उप-प्रमुखों में विभाजित इन समारोहों का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि ये वे विचार हैं, जो कार्यवाहियों को जन्म देते हैं और कार्यवाहियों के बिना कोई उपलब्धियां नहीं हो सकतीं। ये पांच उप-प्रमुख हैं- स्वतंत्रता संघर्ष, 75 वर्ष पर विचार, 75 वर्ष की उपलब्धियां, 75 वर्ष में किए गए कार्य और 75 वर्षों के समाधान।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगले 25 वर्ष सबसे शानदार और घटनापूर्ण चरण के होंगे, जब भारत देशों के समूह में अग्रणी राष्ट्र बन जाएगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेषकर असम, मोदी के नए भारत के उदय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने आगे कहा कि असम सहित पूर्वोत्तर भारत जीवन के सभी क्षेत्रों में सबसे आधुनिक बदलावों के केंद्र के शिखर पर है और बांस इसकी अर्थव्यवस्था को फिर से आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक डॉ. संजय द्विवेदी, असम ट्रिब्यून के कार्यकारी संपादक श्री प्रशांत ज्योति बरूआ, पूर्वांचल प्रहरी के कार्यकारी संपादक श्री वशिष्ठ नारायण पाण्डेय और प्रसिद्ध पत्रकार एवं राज्य सूचना आयुक्त श्री समुद्रगुप्त कश्यप, कार्यक्रम की संयोजिका प्रोफेसर शाश्वती गोस्वामी सहित आईआईएमसी के सभी क्षेत्रीय प्रमुख, संकाय सदस्य और छात्र शामिल हुए।

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