कुपोषण की श्रेणी में जिले के 573 बालक, जानिए - आंकड़े
अकोला कुपोषण की श्रेणी में जिले के 573 बालक, जानिए - आंकड़े
डिजिटल डेस्क, अकोला। जिले को कृपोषण मुक्त बनाने का सपना देखा जा रहा है वहीं दूसरी ओर कृपोषण के आंकड़े बयां कर रहे है कि यह सपना साकार होने में काफी वक्त लगेगा। महिला व बालकल्याण विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार कृपोषित बालकों के लिए राशि का प्रावधान खत्म हो गया है। किन्तु राज्य स्तर पर अंगनवाडिय़ों में बालकों को अनाज वितरित किया जा रहा है। इसी के साथ बालकों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही हैं। बावजूद इसके भारी संख्या में कुपोषित बालक पाए जा रहे हैं। दिसम्बर माह की रिपोर्ट के अनुसार 573 बालक कृपोषण की श्रेणी में पाए गए। इनमें 481 बालक मध्य तीव्र श्रेणी तथा 92 बालक तीव्र श्रेणी में पाए गए।
बार्शिटाकली, तेल्हारा में अधिक प्रमाण
जिले के बार्शिटाकली, बालापुर व अकोट तहसीलों में फिलहाल सबसे ज्यादा संख्या में कृपोषित बालक मौजूद है। जबकि पातूर में सबसे कम संख्या है। बालापुर में 51 बालक कृपोषण की मध्य श्रेणी, 11 तीव्र श्रेणी में शामिल है। जबकि अकोट में 76 बालक कृपोषण की मध्य श्रेणी, 20 तीव्र श्रेणी में एवं बार्शिटाकली में 84 बालक कृपोषण की मध्य श्रेणी, 05 तीव्र श्रेणी में शामिल है। इसके अलावा तेल्हारा तहसील में 79 बालक अति तीव्र एवं 15 बालक मध्य तीव्र कुपोषण की श्रेणी में पाए गए।
आंकड़ों की मानें तो परिक्षेत्र के तहत अकोला १ में अति कुपोषित श्रेणी याने एसएएम श्रेणी में 8 व कुपोषित श्रेणी याने एमएएम में 40 ऐसे कुल 48 बालक पाए गए। लेकिन वीसीडीसी के तहत कुपोषण की श्रेणी से बाहर लाने के लिए प्रक्रिया पूरी ही नहीं हो पाई। अकोला 2 में अति कुपोषित श्रेणी में 07 व एमएएम कुपोषित श्रेणी में 64 ऐसे कुल 71 बालक कुपोषित पाए गए। इनके अलावा बार्शिटाकली, मूर्तिजापुर, पातूर, बालापुर, अकोट, तेल्हारा तहसील में बड़ी संख्या में बालक कृपोषण का शिकार हुए। कृपोषण की श्रेणी में बढ़ती बालकों की संख्या की रोकथाम के लिए शासन क्या उपाय योजना निकालता है? यह देखनेवाली बात होगी।
तीव्र व मध्य श्रेणी के कुपोषित
बलकों की संख्या
परिक्षेत्र अति मध्य कृपोषित
अकोला १ 08 40
अकोला २ 07 64
बार्शिटाकली 05 84
तेल्हारा 15 79
मूर्तिजापुर 14 51
बालापुर 11 51
अकोट 20 76
पातूर 12 36
कुल 92 481