मंडला: 'वंशिका' की वापसी - बिना पंजीयन फिर शुरू हुआ रेत का उत्खनन
डिजिटल डेस्क,मंडला। 'वंशिका कंसट्रक्शन' की करीब 3 महीने के अंतराल के बाद फिर जिले में वापसी हुई है। इसकी वापसी के साथ बिना पंजीयन इसके द्वारा पुन: रेत खदानों पर काम शुरू कर दिया गया हे। ठीक उसी तरह से जिस तरह से इसने अक्टूबर से जनवरी महीने के दरम्यिान बिना खदानों का पंजीयन कराए और शासन को इसकी मोटी राशि चुकाये बगैर किया था। 15 करोड़ कम पर हासिल किया काम 2023 से 2026 तक के जिले की 26 रेत खदानों के संचालन के लिए करीब साढ़े 47 करोड़ रुपये वार्षिक रायल्टी दर पर 'वंशिका' को एमडीओ (माइंस डेवलपर एंड ऑपरेटर) नियुक्त किया था।
एक महीने बाद ही इसके द्वारा ठेका सरेंडर करने का आवेदन ला दिया गया और जनवरी महीने में इसने अपना माल असबाब समेट लिया था। माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा नए सिरे से बुलाए गए टेंडर को 'वंशिका' ने पुन: हासिल कर लिया।
वह भी करीब 15 करोड़ रुपये कम पर। जिला खनिज अधिकारी राहुल शांडिल्य के अनुसार 'वंशिका' ने जिले कीे 26 रेत खदानों का काम 32 करोड़ 38 लाख 12,445 रुपए में पुन: हासिल किया है। तीन दिन में ही मनमानी शुरू जिला खनिज अधिकारी के अनुसार एक अप्रैल से 'वंशिका' को काम दिया गया है।
इधर अनुबंध होते ही 'वंशिका' ने बंजर नदी में मशीनें उतार दी है। बंजर नदी की बरबसपुर रेत खदान के अलावा नदी के दूसरी ओर की अघोषित रेत खदान कातामाल में रेतका उत्खनन मशीनों के जरिए शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के अनुसार बरबसपुर और कातामाल में चार पोकलेन मशीनों के जरिए रेत का उत्खनन किया जा रहा है।
खनिज महकमे की मेहरबानी फिर आई सामने
इस बार भी खनिज महकमे की 'वंशिका' पर मेहरबानी पहले ही दिन से बनी हुई है। इसी मेहरबानी का नतीजा है कि रेत खदानों का पंजीयन हुए बिना रेत के उत्खनन व परिवहन का काम शुरू कर दिया गया है। इस मुदे पर जब जिला खनिज अधिकारी राहुल शांडिल्य से बात की तो उन्होंने मौके पर टीम भेज कर कार्यवाही करने की बात कही।