गोंदिया: राजस्व विभाग ने किया नजर अंदाज, तो सरपंच ने नदी घाट पर पहुंचकर पकड़ा ट्रैक्टर

  • सौंदड़ ग्राम पंचायत की ओर से अर्जुनी मोरगांव के उपविभागीय अधिकारी को रेत तस्करी की जानकारी दी गई थी
  • राजस्व विभाग ने नजर अंदाज किया
  • सरपंच ने नदी घाट पर पहुंचकर पकड़ा ट्रैक्टर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-14 12:48 GMT

डिजिटल डेस्क, सड़क अर्जुनी (गोंदिया). सड़क अर्जुनी तहसील के सौंदड़-पीपरी परिसर में चुलबंद नदी के पात्र से बड़े पैमाने पर रेत तस्करों द्वारा रेती का अवैध उत्खनन कर परिवहन किए जाने की लिखित सूचना सौंदड़ ग्राम पंचायत की ओर से राजस्व विभाग को दी गई थी। जिसके बाद लंबी अवधि बीत जाने के बावजूद भी तहसीलदार अथवा राजस्व विभाग ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है। सौंदड़ के सरपंच हर्ष मोदी ने स्वयं पहल करते हुए अवैध रूप से रेत का उत्खनन कर परिवहन करने वालों पर कार्रवाई करने का निश्चय किया एवं 12 जून को चुलबंद नदी के पिपरी घाट पर पहुंचकर अवैध रूप से निकाली गई रेती का परिवहन करते हुए ट्रैक्टर क्र. एमएच-35/एडब्ल्यू-1442 को पकड़ा। जिसमें लगी बिना नंबर की ट्राॅली में एक ब्रास रेत भरी हुई थी। ट्रैक्टर चालक को रॉयल्टी के दस्तावेज मांगने पर टालमटोल करने लगा। इसके बाद अर्जुनी मोरगांव के उपविभागीय अधिकारी वरूण कुमार सहारे को इसकी जानकारी दी गई। साथ ही पुलिस विभाग को भी 112 नंबर पर इस घटना की जानकारी दी गई। इस दौरान स्थानीय पुलिस पटेल सीमा निंबेकर, ग्राम पंचायत के कर्मचारी रोशन हटकर, पवन चुटे, मदन साखरे, पटवारी मुस्ताक कुरैशी घटनास्थल पर उपस्थित थे। जब्त किए गए वाहन का पंचनामा कर उसे आगे की कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग को सौंप दिया गया।

जब्त किए गए ट्रैक्टर के मालिक का नाम अमोल मेंढे और वाहन चालक का नाम मनोहर मेश्राम बताया गया है। अब प्रशासन ग्राम पंचायत सरपंच हर्ष मोदी एवं उनकी टीम द्वारा की गई इस पहल पर आगे क्या कार्रवाई करता है, इसकी ओर सबकी नजरे लगी हुई है।

चुलबंद नदी का तट सूखा

गौरतलब है कि परिसर में लगातार हो रही रेत तस्करी के कारण होने वाले उत्खनन के चलते नदी पात्र में भूगर्भ का जलस्तर निचे जा रहा है। इसके कारण गांव में पिने के पानी के साथ ही खेतों में सिंचाई के लिए लगने वाले पानी की भी कमी हो रही है। अवैध रेत उत्खनन करने वालों पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण चुलबंद नदी का पात्र पुरी तरह सूखा नजर आने लगा है। राजस्व विभाग द्वारा रेत तस्करों पर नियंत्रण नहीं लगाए जाने के कारण विभाग को प्रतिदिन लाखों रूपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ग्राम पंचायत की इस पहल के बाद भी राजस्व विभाग रेत तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए कोई कार्रवाई करेगा या नहीं? यह भी एक प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है। ग्राम पंचायत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इसके बाद यदि नदी पात्र से रेत का अवैध उत्खनन करते हुए कोई वाहन पकड़ा जाएगा तो उससे 5 हजार रूपए दंड के रूप में वसूल किए जाएंगे।

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