गर्मी: मौसम विभाग का यलो अलर्ट फेल, विदर्भ में सबसे ज्यादा तपा गोंदिया, राहत नहीं
- लोगों को बारिश होने और गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद थी
- पारा पहुंचा 39.0 डि.से
- पानी की एक बूंद के लिए तरसता सरोवर
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. मौसम विज्ञान विभाग प्रतिदिन यलो अलर्ट जारी कर जिले के नागरिकों को बारिश होने का दिलासा दे रहा है। लेकिन विभाग का पूर्वानुमान एवं चेतावनी पिछले कुछ दिनों से तो कम से कम खरी उतरती दिखाई नहीं पड़ रही है। 12 जून को भी दिन भर आसमान में बादलों की आंखमिचौली चलती रही। कभी धूप खिल आती थी तो कभी छांव हो जाती थी। लेकिन तापमान में कोई खास गिरावट नहीं होने के कारण दिन भर जिलावासी भीषण उमस भरी गर्मी से हलाकान होते नजर आए। गर्मी इतनी अधिक थी कि पंखे शुरू रहने के बावजूद नागरिक पसीने से तरबतर होते दिखाई पड़े। 12 जून को विदर्भ में गोंदिया जिले का तापमान सर्वाधिक 39.0 डि.से दर्ज किया गया। आसमान में बादल छाए रहने के कारण दिन भर लोगों को बारिश होने एवं गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद बनी रही, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कहीं से भी बारिश होने की जानकारी नहीं मिली। न ही विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार कहीं से तेज हवाएं अथवा धूल भरी आंधी चलने की जानकारी मिली। फिलहाल अगले कुछ दिनों तक नागरिकों को इसी तरह के मौसम का सामने करते हुए बारिश का इंतजार करना पड़ सकता है।
मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 5 दिनों के लिए मौसम का जो पूर्वानुमान और चेतावनी जारी की है, उसके अनुसार गोंदिया जिले में 12 से 16 जून तक कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की अधिक संभावना जताई गई है। जबकि 12 एवं 13 जून को कुछ स्थानों पर 40 से 50 किमी तो 14 जून से 16 जून तक कुछ स्थानों पर 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गरज चमक के साथ तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी गई है।
बूंदाबांदी दर्ज की गई
जिलाधिकारी कार्यालय के नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान जिले में कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी दर्ज की गई। पिछले चौबीस घंटों के दौरान अर्थात 12 जून को दोपहर 2.45 बजे तक जिले में 0.7 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जिसमें से गोंदिया तहसील में 0.5 मिमी, आमगांव में 2.5 मिमी, देवरी में 1.9 मिमी तथा मोरगांव अर्जुनी में 0.6 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इस दौरान तिरोड़ा, गोरेगांव, सड़क अर्जुनी एवं सालेकसा तहसील में बिल्कुल बारिश नहीं हुई। अर्थात बारिश का आंकड़ा शून्य रहा।
पानी की एक बूंद के लिए तरसता सरोवर...
भंडारा में मानसून के इंतजार में तालाब दम तोड़ चुके हैं। जिससे जंगली जानवर, पालतू पशु पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। तालाबों की मछलियां मर चुकी हैं। सिंचाई के लिए मौजूद रहने वाले कोंढा परिसर के तालाब मैदान बन चुके हैं।