गोंदिया: अधूरे पुल के निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया अर्ध जल समाधि आंदोलन
- पुल के काम को प्रशासकीय मंजूरी के बावजूद पिछले दो वर्षों से निर्माण कार्य अटका
- आंदोलन के कारण यहां कुछ समय के लिए तनावपूर्ण स्थिति निर्माण हो गई थी
डिजिटल डेस्क, सालेकसा (गोंदिया) जिले के सालेकसा तहसील के ग्राम भजेपार-बोदलबोडी के पास बाघ नदी पर पुल के काम को प्रशासकीय मंजूरी के बावजूद पिछले दो वर्षों से निर्माण कार्य अटके रहने के कारण संतप्त ग्रामीणों ने मंगलवार, 20 फरवरी को सीधे बाघ नदी में उतरकर अर्ध जलसमाधि आंदोलन कर शासन-प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त किया। इस आंदोलन के कारण यहां कुछ समय के लिए तनावपूर्ण स्थिति निर्माण हो गई थी। इसको देखते हुए लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता उसेंडी, उपअभियंता मानकर ने आंदोलन स्थल पर पहुंचकर 24 फरवरी से पूर्व निर्माण कार्य शुरू करने का लिखित आश्वासन दिया। इतना ही नहीं काम शुरू करने के लिए धरना स्थल पर मशीन भी पहुंच गई। जिसके बाद नदी पात्र में खड़े होकर अर्ध जलसमाधि आंदोलन कर रहे नागरिक नदी से बाहर आए और राष्ट्रवंदना कर आंदोलन खत्म करने की घोषणा की।
उल्लेखनीय है कि जिले के सालेकसा एवं आमगांव तहसील को जोड़नेवाला भजेपार-बोदलबोड़ी मार्ग स्थानीय नागरिकों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पिछले 60 से 70 वर्षों से बाघ नदी पर पुल निर्माण की मांग की जा रही है। जिसके बाद पुल के निर्माण कार्य को मंजूरी दी गई। एक नहीं दो-दो बार इस पुल के निर्माण कार्य का भूमिपूजन भी किया गया। जिसके बाद पुल के निर्माण के लिए खुदाई करते समय पत्थर लग जाने के कारण दो वर्ष पूर्व खुदाई का काम अधूरा छोड़ दिया गया। जिसके कारण पुराना मार्ग भी बंद हो गया। फलस्वरूप नागरिकों को इधर से उधर जाने के लिए एक किमी का अंतर पार करने के लिए 15 किमी का चक्कर लगाना पड़ता है।
यातायात की गंभीर समस्या को लेकर संबंधित विभाग को कुंभकर्णी नींद से जगाने के लिए 20 फरवरी को ग्राम भजेपार के सरपंच तथा अ.भा. सरपंच परिषद के सरपंच चंद्रकुमार बहेकार और बोदलबोडी के सरपंच देवेंद्र पटले के नेतृत्व में ग्रामीणों ने अर्ध जलसमाधि आंदोलन कर प्रशासन का ध्यानाकर्षण किया। इस आंदोलन में ग्राम भजेपार, बोदलबोडी के साथ परिसर के अन्य गांवों के नागरिक शामिल हुए थे। इस दौरान सरपंच संगठन के प्रिया शरणागत, तमिलकुमार टेंभरे, नरेश कावरे ने इस आंदोलन में शामिल होकर संगठन की ओर से आंदोलन को समर्थन दिया।