गोंदिया: यूटीएस एप डाउनलोड कर टिकट बनाकर दे रहे टीटीई

  • पिछले दो दिनों से टिकट बुकिंग काउंटर पर यात्रियों को रेल टिकट नहीं
  • वेंडिंग मशीन से भी कम दूरी के करंट टिकट बन रहे

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-01 13:31 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. रेलवे स्टेशन में पिछले दो दिनों से टिकट बुकिंग काउंटर पर यात्रियों को रेल टिकट नहीं दिया जा रहा है। सिर्फ रिजर्वेशन काउंटर ही शुरू है। वेंडिंग मशीन से भी कम दूरी के करंट टिकट बनाकर दिए जा रहे हैं। गौरतलब है कि गोंदिया रेलवे स्टेशन से 24 घंटों में लगभग 100 ट्रेनें अलग-अलग स्थानों के लिए गुजरती है और बड़ी संख्या में यात्री यहां से यात्रा के लिए ट्रेनों में चढ़ते हैं। ऐसे में अचानक करंट टिकट बंद कर दिए जाने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। टिकट काउंटर बंद कर यात्रियों से यूटीएस एप डाउनलोड कर डिजिटली टिकट लेने के लिए कहा जा रहा है। हजारों की संख्या में यात्री ऐसे हैं, जो मोबाइल का उपयोग नहीं करते या जिन्हें मोबाइल चलाना भी नहीं आता। ऐसे यात्री आखिर डिजिटल टिकट लें तो कैसे? यह सवाल उपस्थित हो रहा है। बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के टिकट काउंटर बंद रखने से यात्री भारी परेशानी झेल रहे हैं। 30 नवंबर को रेलवे स्टेशन परिसर का प्रत्यक्ष जायजा लिए जाने पर दिखाई पड़ा कि जनता के आक्रोश के बीच एक टिकट काउंटर से टिकट की बिक्री की जा रही थी।

वहीं वेंडिंग मशीन के पास टिकट खरीदने के लिए यात्रियों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। जिन यात्रियों को डिजिटली टिकट लेने में परेशानी हो रही थी, उनकी सुविधा के लिए दो पुरुष एवं एक महिला टीटीई बुकिंग काउंटर के पास ही कुर्सियां लगाकर बैठे हुए थे जो यात्रियों के मोबाइल पर यूटीएस एप डाउनलोड कर उन्हें टिकट भी दे रहे थे और साथ ही एप का उपयोग करने के संबंध में समझा भी रहे थे। टिकट काउंटरों पर से टिकट नहीं मिलने पर यात्रियों को हो रही परेशानी के संबंध में जब उनसे पूछा गया तो, उनका कहना था कि वे केवल वरिष्ठ स्तर से प्राप्त निर्देशों का पालन करते हुए अपना कार्य कर रहे हैं। सामान्य यात्रियों को परेशानी न हो, इसका वे अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि अचानक टिकट काउंटर बंद होने से यात्री टिकट के लिए भटक रहे हैं एवं उन्हें परेशानी भी हो रही है। पास ही एक सूचना फलक भी लगाया हुआ था, जिसमें युटीएस एप डाउनलोड कर उसका उपयोग करने संबंधी दिशानिर्देशों के सचित्र वर्णित किए गए थे। रेल यात्रियों से चर्चा करने पर उनमें रेल प्रशासन के प्रति आक्रोश नजर आया। उनका कहना था कि कोई भी नई व्यवस्था धीरे-धीरे लागू की जानी चाहिए और वह भी लागू करने के पूर्व वैकल्पिक व्यवस्था भी पूर्ण की जानी चाहिए।

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