उत्साह: शालाओं में विद्यार्थियों का फूलों से स्वागत, सजी-धजी बैलगाड़ी से स्कूल पहुंचे नौनिहाल

  • ग्रीष्मकालीन छुटिटयां समाप्त
  • नया शैक्षणिक सत्र शुरू
  • सजी-धजी बैलगाड़ी से स्कूल पहुंचे बच्चे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-02 12:16 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. ग्रीष्मकालीन छुटिटयां समाप्त होने के बाद 1 जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया। शाला शुरू होने के पहले ही दिन प्रवेशोत्सव के माध्यम से शाला में आने वाले विद्यार्थियों का शानदार स्वागत किया गया। शाला का पहला दिन विद्यार्थियों के स्वागत का होने के कारण नौनिहालों में भी काफी खुशी देखी गई। पहले ही दिन विद्यार्थियों को शाला में पाठ्यपुस्तके भी उपलब्ध कराई गई। गोंदिया जिले में जिला परिषद की कुल 1038, नगर परिषद की 25 एवं निजी अनुदानित 260 शालाओं में भी नया शैक्षणिक सत्र आज से ही शासन के नियमानुसार शुरू हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में शालाओं में विशेष उत्साह देखा गया। जिले में जिप, नप, निजी अनुदानित एवं अन्य शालाओं को मिलाकर कुल 1642 स्कूलों में 2 लाख 27 हजार 913 विद्यार्थी है। शाला के पहले दिन विद्यार्थियों का शाला में पहुंचने पर अनेक स्थानों पर पुष्पगुच्छ एवं मिठाई देकर भी स्वागत किया गया। जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जिला परिषद एवं पंचायत समिति के प्रमुख अधिकारियों को पहले ही दिन कम से कम 2 शालाओं में भेंट देने के निर्देश दिये थे।

जिसके तहत आज अनेक अधिकारी स्कूलों में प्रत्यक्ष प्रवेश उत्सव की तैयारियों को देखने पहुंचे। जिप पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अनेक शालाओं को भेंट दी। अर्जुनी मोरगांव स्थित सरस्वती ज्ञानदीप कान्वेट में प्रवेश उत्सव के दिन आनंददायी वातावरण में विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। विद्यार्थियों को शालाओं से लगाव हो इसके लिए फुग्गे, खाद्य पदार्थ एवं भेंटवस्तु प्रदान कर उनका स्वागत किया गया। शाला को आकर्षक ढंग से सजाया भी गया था। कुछ विद्यार्थी कुतुहल से शाला परिसर को देखते दिखाई दिए। जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम. मुरूगानंथम ने जिप के अंतर्गत सभी विभाग प्रमुखों को तहसील की कम से कम 1 शाला में भेंट देकर शालेय विद्यार्थियों का स्वागत करने एवं शासन की ओर से दी जाने वाली पुस्तकों का वितरण करने का प्रयोग करने का निश्चय किया था। जिसके तहत आज स्वास्थ्य विभाग के सहायक जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. अरविंद कुमार वाघमारे ने गोरेगांव तहसील की जिप केंद्रिय वरिष्ठ प्राथमिक शाला कवलेवाडा में भेंट देकर विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाया। इस अवसर पर स्वास्थ्य सहायक रविंद्र श्रीवास, शालेय समिति के पदाधिकारी, मुख्याध्यापक, ग्राम पंचायत के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

डॉ. वाघमारे ने बच्चों को पुस्तके बांटी एवं उनके साथ बातचीत भी की। साथ ही विद्यार्थियों में किसी भी प्रकार का संक्रामक रोग न फैले इसके लिए प्रतिबंधात्मक उपाय करने के निर्देश दिए। तिरोड़ा में जिप एवं नप क्षेत्र की शालाओं में आने वाले कक्षा पहली एवं दूसरी के विद्यार्थियों को शाला के पहले ही दिन विधायक विजय रहांगडाले की ओर से स्कूल बैग का वितरण किया गया। गोंदिया नप के अंतर्गत मनोहर म्युनिसिपल गोविंदपुर शाखा की शाला में प्रथम दिन विद्यार्थियों का शानदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि रोहित अग्रवाल, सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश मिश्रा, मुख्याध्यापक एवं शाला के शिक्षक तथा कर्मचारी भी उपस्थित थे।

सजी-धजी बैलगाड़ी से स्कूल पहुंचे नौनिहाल

उधर भंडारा में शाला के पहले दिन जिले में 1 जुलाई को प्रवेशोत्सव मनाया गया। इस मौके पर स्कूलों को आकर्षक तरीके से सजाया गया था। शालाओं के प्रवेशद्वार पर रंगोली निकाली गई थी। ग्रामीण शालाओं में विद्यार्थी सजी हुई बैलगाड़ी से शाला पहुंचे। शाला में पहुंचते ही विद्यार्थियों को शाला समिति व शिक्षकों द्वारा फूल देकर स्वागत किया गया। कुछ स्कूलों में बैंड बाजे के साथ विद्यार्थियों का स्वागत किया गया। इस तरह शाला का पहला दिन विद्यार्थियों के लिए यादगार दिन बनाया गया। विद्यार्थियों को शाला के प्रति आकर्षित करने तथा उन्हें आनंददायी माहौल में शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शालाओं में कुछ वर्षों से प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। जिले के सभी सरकारी तथा निजी शालाओं में इस दिन बड़े धूमधाम से मनाया गया। विद्यार्थियों के माथे पर तिलक लगाया गया। शाला के द्वार पर ही फूल दिए गए। विद्यार्थियों में मिठाई भी बांटी गई। इसी के साथ विद्यार्थियों को किताबें, गणवेश, जूते, मोजे वितरित किए गए। यह सब विद्यार्थियों के लिए उपहार की तरह था। दो माह की गर्मियों की छूटि्टयों के बाद विद्यार्थी अपने दोस्तों के संग मिल सके। अब फिर से शालाओं में नए शिक्षा सत्र की घंटी बजनी शुरू हुई। विद्यार्थियों के प्रवेशोत्सव में शिक्षकों के साथ साथ शाला प्रबंधन समिति ने हिस्सा लिया। शहरों से लेकर ग्रामीण स्तर तक सभी शालाओं में प्रवेशोत्सव को यादगार बनाया गया।

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