अंकुरित फसलों को बारिश का इंतजार, कुछ दिन बरसकर गुम हुई बारिश
- कीटों के आक्रमण से फसलें तबाह होने की आशंका
- कुछ दिन बरसकर गुम हुई बारिश
- आसमान पर टिकीं किसानों की निगाहें
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. पिछले एक सप्ताह से जिले में बारिश नहीं होने के कारण अब खेतों में जमा पानी सूखने से खेतों में लगी धान की फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हंै। कई स्थानों पर खेतों में दरारें दिखने लगी है। बारिश के अभाव में फसले सूख न जाए इस आशंका से किसान चितिंत नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून की बारिश जून माह के अंतिम सप्ताह में शुरू हुई। जिसके कारण नर्सरी लगाने एवं रोपाई का काम भी काफी विलंब से शुरू हुआ। जिले में अब तक लगभग 1 लाख 87 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई का काम पूरा हो चुका है, लेकिन अब पानी की आवश्यकता के समय ही पिछले एक सप्ताह से बारिश नदारद है। ऊपर से तेज धूप के कारण खेतों में जमा पानी धीरे-धीरे सूखने लगा है। जिससे खेत में लगी फसलों की वृद्धि पर इसका असर पड़ रहा है। जिले में सामान्य बारिश की तुलना में अब तक केवल 67 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में 14 अगस्त को सुबह 10.50 बजे तक जिले में मात्र 1.5 मिमी औसतन बारिश दर्ज की गई है। अगस्त माह में जिले में 186.9 मिमी बारिश अपेक्षित होती है। लेकिन माह के 14 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक केवल 67.7 मिमी औसत बारिश रिकार्ड की गई है, जो माह की सामान्य अपेक्षित बारिश की तुलना में मात्र 36.2 प्रतिशत ही है। यदि शीघ्र ही बारिश नहीं हुई तो जिले के धान उत्पादक किसान संकट में फस सकते है।
जलाशयों की स्थिति
बारिश न होने का असर जिले के प्रमुख जलाशयों के जल भंडारण पर दिखाई दे रहा है। बाघ इटियाडोह सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में अर्जुनी मोरगांव तहसील के इटियाडोह जलाशय में 78.28 प्रतिशत, देवरी तहसील के सिरपुरबांध में 70.29 प्रतिशत, सालेकसा तहसील के कालीसराड़ बांध में 76.74 प्रतिशत एवं पुजारीटोला बांध में 73.85 प्रतिशत जल भंडारण है। मध्यप्रदेश के संजय सरोवर में 62.59 प्रतिशत जल भंडारण दर्ज किया गया है।
कृषि विभाग ने किसानों को दिए फसलों को रोगों से बचाने के टिप्स
गोंदिया जिले में 1 जुलाई 2023 से फसल पर कीटकजन्य बीमारी सर्वेक्षण एवं सलाह प्रकल्प (क्रापसेंप) खरीफ मौसम के लिए शुरू किया गया है। इसके तहत कृषि विभाग की ओर से 30 नवंबर 2023 तक सभी क्षेत्रीय यंत्रणा के माध्यम से धान की फसल का नियमित सर्वेक्षण गांव-गांव में खेत में जाकर किया जा रहा है। इस सर्वेक्षण में गोंदिया तहसील में कुछ स्थानों पर खोड़कीड़ा एवं गादमक्खी का प्रभाव दिखाई पड़ा है। कृषि विभाग की ओर से किसानों को उपाय योजना की सलाह दी गई है। खोड़कीड़ा पर नियंत्रण के लिए किसानों से कहा गया है कि वे क्वीनालफास 32 मिली अथवा ट्रायजोफास 25 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें अथवा ट्रायकोगामा जपोनिकम प्रति हेक्टेयर 50 हजार की दर से हर सात दिन के अंतराल में 4 बार खेतों में छोड़े उसी प्रकार गादमक्खी के प्रभाव को खत्म करने के लिए 2.5 प्रतिशत प्रभाव भी खेत में दिखाई देने पर कारगोफुरान दानेदार 10 किलो प्रति हेक्टेयर के प्रमाण में अथवा क्वीनालफास 32 मिली अथवा ट्रायजोफास 25 मिली प्रति हेक्टर 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी ने दी है।