सफलता: मशरूम के उत्पादन से सरिता ने तय किया स्वरोजगार से समृद्धि का सफर

  • सरिता ने तय किया स्वरोजगार
  • स्वरोजगार से समृद्धि का सफर तय
  • मशरूम के उत्पादन से सफलता

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-25 13:55 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. महिला हो या पुरुष यदि वह किसी भी स्थिति में हो, लेकिन दृढ़ निश्चय कर अगर कोई लक्ष्य निर्धारित कर ले तो वह उस तक पहुंच ही जाता है। यह साबित कर दिखाया है आदिवासी बहुल एवं नक्सल प्रभावित देवरी तहसील के ग्राम शीलापुर निवासी सरिता मनीषकुमार राऊत ने मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर हर माह लगभग डेढ़ क्विंटल आयस्टर मशरूम का उत्पादन लेकर उसे अपने पति के साथ मिलकर आसपास के गांवों के साप्ताहिक बाजार में बिक्री कर प्रतिमाह 25 हजार रुपए की आय प्राप्त कर रही है। जानकारी के अनुसार सरिता 12वीं कक्षा उत्तीर्ण है। पहले उसने अपने पति के साथ खेतिहर मजदूर का काम किया। जिससे उन्हें सीमित आय होती थी।

जिस कारण उसे अपने परिवार की मूलभूत आवश्यकताएं पूर्ण करने में भी परेशानी होती थी। ऐसे में वह ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्था गोंदिया की ओर से शीलापुर में आयोजित उद्योजकता जागरूकता कार्यक्रम में गई, जहां उसे विविध स्वयंरोजगार के व्यवसाय के प्रशिक्षण के विषय में जानकारी मिली। इसके बाद गांव के स्वयं सहायता समूह महिला बचत समूह ने मशरूम उत्पादन के प्रशिक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया। सरिता राऊत ने ग्रामीण स्वयं रोजगार प्रशिक्षण संस्था (आर.एस.ई.टी.आई.) गोंदिया द्वारा आयोजित 10 दिवसीय शिविर में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण पूर्ण किया और प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद उसने बचत समूह में स्वयं की बचत से यह उपक्रम शुरू किया। सरिता फिलहाल हर माह लगभग डेढ़ क्विंटल आयस्टर मशरूम का उत्पादन कर रही है।

मशरूम उत्पादन से उसका परिवार फिलहाल प्रतिमाह 25 हजार रूपए कमा रहा है। इस बारे में सरिता काा कहना है कि अन्य महिलाएं भी नौकरी के पीछे न भागते हुए स्वयं का व्यवसाय शुरू करें तो आर्थिक उन्नति में परिवार का हाथ बटा सकती है। उसने स्वयंरोजगार के लिए मानसिकता तैयार करने में आरएसईटीआई संस्था गोंदिया का आभार व्यक्त किया हैं।

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