मुआवजे की प्रतीक्षा: सरकारी धान खरीदी का अंतिम दिन, अब तक खरीदा गया 23 लाख 16 हजार क्विंटल

  • जिले में मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल के माध्यम से धान खरीदी
  • खरीदी की अवधि बढ़ाने के अब तक आदेश नहीं
  • किसानों को धान के बोनस व मुआवजे की प्रतीक्षा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-31 11:42 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. राज्य सरकार द्वारा खरीफ सीजन के धान खरीदी के लिए जिले में मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल के माध्यम से धान खरीदी केंद्र शुरू किए है। जिनमें अधिकांश खरीदी महाराष्ट्र मार्केटिंग फेडरेशन के माध्यम से की जाती है। मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा अब तक कुल 23 लाख 16 हजार 181 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। 31 जनवरी 2024 धान खरीदी की अंतिम तिथि है। मार्केटिंग फेडरेशन के धान खरीदी केंद्रों पर अब तक जिले के कुल 1 लाख 23 हजार 564 किसानों ने अपना ऑनलाइन पंजीयन करवाया है। जिनमें से 70 हजार 552 किसानों ने अब तक इन केंद्रों पर अपना धान बेचा है। अभी भी 53 हजार 12 किसान ऐसे है, जिन्होंने अपने धान की बिक्री शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर नहीं की है। धान खरीदी की अवधि आज समाप्त हो जाएगी। ऐसे में धान की बिक्री करने से अब तक वंचित रहे 53 हजार किसानों से उनका धान खरीदना अब लगभग असंभव है। जिसके चलते शासन द्वारा धान खरीदी की अवधि बढ़ाई जाने की संभावना है। इस सबंध में मार्केटिंग फेडरेशन अधिकारी का कहना है कि अब तक धान खरीदी की अवधि बढ़ाए जाने संबंधी कोई निर्देश शासन से प्राप्त नहीं हुए हैं। किसानों से अब तक खरीदे गए धान की कुल कीमत 505 करोड़ 62 लाख 24 हजार 149 रुपए होती है। जिनमें से अब तक किसानों के खाते में 366 करोड़ 87 लाख 20 हजार 133 रुपए ऑनलाइन भुगतान के रूप में डाले जा चुके हंै। अभी भी शासन की ओर किसानों का 138 करोड़ 75 लाख 4 हजार 16 रुपए का भुगतान बाकी है एवं इस भुगतान के लिए 18 हजार 369 किसान प्रतीक्षा में है।

खरीदी की अवधि बढ़ाने के अब तक आदेश नहीं

विवेक इंगले, डीएमओ शासन के निर्देशानुसार शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर खरीफ सीजन के धान की खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2024 है। लेकिन अभी भी 50 हजार से अधिक किसान ऐसे है। जिन्होंने पंजीकरण तो कराया है। लेकिन अपने धान की बिक्री नहीं की है। ऐसे में धान खरीदी की अवधि बढ़ाए जाने पर उन्हें लाभ मिल सकता हंै। फिलहाल धान खरीदी की अवधि बढ़ाए जाने संबंधी कोई निर्देश शासन की ओर से प्राप्त नहीं हुए है।

किसानों को धान के बोनस व मुआवजे की प्रतीक्षा, अब तक पूरा नहीं हुआ अतिवृष्टि का सर्वे

तुमसर की बात करें तो धान का बोनस राज्य शासन ने घोषित करके डेढ महीने की अवधि हो गई है। किंतु अब तक धान उत्पादकों को बोनस नहीं मिला है। बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा भी पीड़ित किसानों को नहीं मिला है। इस लिए धान का बोनस कब मिलेगा? यह सवाल किसान उपस्थित कर रहे हैं। राज्य शासन ने धान का बोनस घोषित करके तकरीबन डेढ महीने की अवधि पूर्ण हुई है, परंतु अब तक धान उत्पादकों को बोनस नहीं मिला तथा तीन हेक्टेयर तक बेमौसम बारिश से होनेवाले नुकसान का मुआवजा नहीं मिला। बैमौसम बारिश से हुए नुकसान की खेती के अब तक सर्वे पूर्ण नहीं हुए है। इसके कारण किसानों में रोष है। तुमसर तहसील धान उत्पादक प्रमुख तहसील के रूप में प्रख्यात है। यहां उच्च दर्जे के धान का उत्पादन किया जाता है। परंतु स्थानीय किसान इससे लाचार होते दिखाई दे रहा है। राज्य शासन ने शीतकालीन अधिवेशन में धान का बोनस घोषित किया था। इस में ऑनलाइन दो हेक्टेयर तक प्रति हेक्टेयर तक बीस हजार रुपए देने की घोषणा की गई थी। किंतु अब तक धान उत्पादकों को बोनस नहीं मिला है। धान का बोनस कब मिलेगा? ऐसा सवाल किसान उपस्थित कर रहे हैं।

बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का नहीं मिला मुआवजा

तुमसर तहसील में अतिवृष्टि होने से किसानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ। तीन हेक्टेयर तक बेमौसम बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा देने की घोषणा शासन ने की थी, परंतु अब तक मुआवजा नहीं मिला। अनेक किसानों के खेती का सर्वे पूर्ण नहीं हुआ है। जिसके कारण वह भी नुकसान के मुआवजा से वंचित है। सर्वे को तत्काल पूर्ण करने की मांग किसानों ने की है। 

 

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