वैक्सीन लगाने के बावजूद लंपी की चपेट में सैकड़ों मवेशी, इलाज है महंगा - परेशान हो रहे किसान

  • लंपी की चपेट में सैकड़ों मवेशी
  • वैक्सीन लगाने के बावजूद फैल रही बीमारी
  • इलाज है महंगा, परेशान हो रहे किसान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-24 13:49 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले में लंबे समय बाद फिर से लंपी संक्रमण फैल रहा है, हालांकि पशु चिकित्सक विभाग की ओर से इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जिले के प्रत्येक गांवों में वैक्सीनेशन कराया गया था। इसके बाद भी सैकड़ों मवेशी लंपी बीमारी की चपेट में आने से पशुपालक चिंतित है। गोरेगांव तहसील के पिंडकेपार सहित अन्य गांवों में पशुओं की जांच के दौरान लंपी संक्रमण दिखाई दिया। बता दें कि वर्ष 2022 में लंपी बीमारी ने कहर बरपाया था। इस बीमारी की चपेट में आने से सैकड़ों पशुओं की मृत्यु हो गई थी। ऐसे में पशु चिकित्सक विभाग की ओर से इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए प्रत्येक गांवों जाकर वैक्सीनेशन कराया गया था। जिले की सीमा पर बसे ग्रामो में शिविरों का आयोजन किया गया था। यहां तक की लंपी बीमारी के संक्रमण से बचने के लिए मवेशियों के साप्ताहिक बाजारों पर रोक लगाई गई थी।

इतना ही नहीं तो अन्य राज्याें तथा जिलों से पशुधनों के परिवहन पर नियंत्रण रखा गया था। धीरे-धीरे लंपी संक्रमण बीमारी कम होते गई और जिले में इस बीमारी पर प्रशासन ने नियंत्रण पा लिया था, लेकिन फिर लंबे अंतराल के बाद जिले में लंपी बीमारी पैर पसार रही है। पिंडकेपार निवासी देवानंद पटले, सेवकराम पटले, गुणीलाल मेश्राम सहित अनेक गांवों के पशु मालिकों के मवेशियों पर लंपी बीमारी पाई गई है। संक्रमित पशुधनों पर निजी चिकित्सक इलाज कर रहे हैं। इलाज महंगा होने से पशु मालिक परेशान हैं।

छिड़काव के लिए दवा उपलब्ध

डॉ. सी.डी. मालापुरे, पशु वैद्यकीय अधिकारी के मुताबिक तहसील में लंपी बीमारी से पशु संक्रमित पाए जा रहे हैं। प्रत्येक गांव-गांव में वैक्सीन लगाई गई थी। इस बीमारी से बचने के लिए छिड़काव के लिए दवा उपलब्ध कराई गई है। संबंधित ग्राम पंचायत अपने स्तर पर छिड़काव कर सकती हैं।


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