धान खरीदी केंद्रों की जांच में जुटे चार उड़न दस्ते, मिली थी अनियमितता की शिकायतें
- मार्केटिंग फेडरेशन को मिली थी अनियमितता की शिकायतें
- धान खरीदी केंद्रों की जांच
- जांच में जुटे चार उड़न दस्ते
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. जिले में पिछले कुछ वर्षों से सरकारी धान खरीदी केंद्रों में अनेक प्रकार के घोटालों के मामले सामने आए हैं। कुछ मामलों में खरीदी केंद्र संचालकों के खिलाफ डीएमओ द्वारा पुलिस स्टेशनों में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई। जबकि कुछ संस्थाओं में अनियमितताएं पाए जाने पर उनसे गोदाम में कम पाए गए धान की राशि भी वसूल की गई। धान खरीदी में होनेवाली गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से कदम भी उठाए जा रहे हैं। लगातार समय-समय पर केंद्रों की जांच की जा रही है। इसी श्रृंखला में महाराष्ट्र स्टेट को ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से जिले में चलाए जा रहे 177 शासकीय धान खरीदी केंद्रों की जांच के लिए 4 उड़नदस्ते गोंदिया में भेजे गए हैं। यह उड़नदस्ते फिलहाल जिले के शासकीय धान खरीदी केंद्रों की जांच में जुटे हैं। केंद्रों पर सब कुछ ऑल इज वेल है या फिर घोटालेबाजी चल रही है। यह जांच के बाद ही जांच पथकों द्वारा दी जानेवाली रिपोर्ट से पता चलेगा।
जिले में मुख्य रूप से महाराष्ट्र मार्केटिंग फेडरेशन एवं आदिवासी विकास महामंडल इन दो प्रमुख एजेंसियों के माध्यम से शासकीय धान की खरीदी की जाती है। मार्केटिंग फेडरेशन के 177 केंद्रों को इस मौसम में खरीदी के लिए मंजूरी मिली है। इन केंद्रों पर केंद्र सरकार की ओर से घोषित समर्थन मूल्य पर शासन के नियमानुसार धान खरीदी की जाती है। खरीदा गया धान मिलिंग के लिए राईस मिलर्स को दिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से जिले में कुछ धान खरीदी केंद्रों में भारी मात्रा में खरीदे गए धान की अफरातफरी किए जाने के मामले सामने आए।
अनेक धान खरीदी केंद्रों पर खरीदे गए धान की तुलना में गोदाम में कम धान दिखाई पड़ा। कुछ केंद्रों पर कार्रवाई भी हुई। आगामी समय में इस तरह के घोटाले न हो इसके लिए मार्केटिंग फेडरेशन मुंबई की ओर से धान खरीदी केंद्रों पर नियंत्रण रखा जा रहा है। जिले में चल रहे केंद्रों की जांच के लिए राज्यस्तर से 4 उड़नदस्ते जांच के लिए गोंदिया में भेजे गए है। 13 जून से जिले में आए चारों उड़नदस्ते खरीदी केंद्रों की जांच में लगे हुए है। जांच पूर्ण होने के बाद यह उड़नदस्ते अपनी रिपोर्ट फेडरेशन को प्रस्तुत करेंगे। जिसके बाद ही जिले में सबकुछ ठीक चल रहा है या नहीं? यह पता चल सकेगा। खरीफ मौसम में शासकीय धान खरीदी केंद्रों की ओर से धान की खरीदी की गई। खरीदे गए धान का पंजीयन ऑनलाइन पद्धति से किया गया। लेकिन जितना धान खरीदा गया दिखाया है। उतने धान का भंडारण केंद्रों के गोदाम में ही उपलब्ध न होने की चर्चा भी चल रही है। इस दौरान पथक की ओर से उन केंद्र संचालकों को आवश्यक धान का भंडारण उपलब्ध कराने के लिए अवसर दिए जाने की चर्चा भी जिले में चल रही है।