गोंदिया: विधान भवन में सुनाई दी आमगांव नगर परिषद चुनाव मामले की गूंज, सीढ़ियों पर प्रदर्शन

  • विधायक सहषराम कोरोटे ने विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठकर किया प्रदर्शन
  • प्रशासक राज चल रहा
  • आमगांव नगर परिषद चुनाव मामले की गूंज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-10 13:36 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. आमगांव में नगर परिषद रहे या फिर नगर पंचायत? यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस कारण पिछले आठ वर्ष से अधिक समय से यहां प्रशासक राज चल रहा हैं। जिस कारण स्थानीय नागरिक अनेक योजनाओं के लाभ से वंचित है। इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार, 9 जुलाई को विधायक सहषराम कोरोटे ने मुंबई के विधान भवन की सीढ़ियों पर आमगांव नगर परिषद का चुनाव जल्द से जल्द कराने की मांग को लेकर बैनर और फलक हाथ में लेकर प्रदर्शन कर शासन का ध्यानाकर्षण किया और राज्य सरकार से इस मामले का जल्द से जल्द निपटारा करवाकर नगर परिषद चुनाव का मार्ग प्रशस्त करने की मांग की।

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में आमगांव ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया था। जिसके बाद स्थानीय कुछ जनप्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से नगर पंचायत की बजाए आमगांव एवं आस-पास के गांवों को मिलाकर नगर परिषद के गठन की मांग की थी। जिस पर शासन ने आमगांव तहसील के आमगांव एवं अन्य 8 गांवों को मिलाकर आमगांव नगर परिषद के गठन की अधिसूचना जारी की। जिसके बाद फिर आमगांव नगर परिषद की बजाए आमगांव में नगर पंचायत ही नियमानुसार हो सकती है, इस बात को लेकर मामला हाईकोर्ट में ले जाया गया, जहां हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलिलों से सहमति व्यक्त करते हुए राज्य सरकार द्वारा आमगांव नगर परिषद के गठन की अधिसूचना को रद्द कर दिया।

हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार ने फिर सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। जहां मामला अभी भी लंबित है।। नगर की जनता राज्य सरकार से इस मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने की मांग वर्षों से कर रही है। लेकिन कोई निर्णय नहीं हो पाने के कारण यहां चुनाव नहीं हो पा रहा है और न ही जनप्रतिनिधियों के हाथों में नगर की कमान आ रही है। इसके चलते प्रशासक राज जारी है।

आठ वर्ष से है प्रशासक राज

यह केवल गोंदिया जिले में ही नहीं बल्कि सारे राज्य में अपनी तरह का एक ही मामला होने की संभावना है। जहां बिना जनप्रतिनिधियों के आठ वर्ष तक नगर की सत्ता अधिकारियों के भरोसे चल रही हैं। स्थानीय नागरिक राज्य सरकार से इस मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने की मांग वर्षों से कर रहे है। इस बीच लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा आमगांव नगर परिषद में शामिल किए गए 8 गांवों के नागरिकों ने की थी। लेकिन उस समय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने आश्वासन देकर नगर परिषद संघर्ष समिति को अपना निर्णय स्थगित करने के लिए मना लिया था।


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