गोंदिया: शुल्क बढ़ाने से चावल का निर्यात बंद जिले के 50 हजार मजदूर हुए बेरोजगार
- 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क के कारण मजदूरों को पड़े रोटी के लाले
- जिले के 50 हजार मजदूर हुए बेरोजगार
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। केंद्र सरकार ने अचानक राइस एक्सपोर्ट पर 20 प्रतिशत ड्यूटी लगा दिए जाने के कारण राइस मिलर्स द्वारा विदेशों में राइस एक्सपोर्ट(निर्यात) करना बंद हो गया है। जिस कारण राइस मिल बंद होने से जिले के लगभग 50 हजार मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। राइस मिलों में काम नहीं मिलने के कारण मजदूरों के परिवारों पर भुखमरी की नौबत आन पड़ी है। जिसके चलते एक्सपोर्ट पर 20 प्रतिशत जो ड्यूटी लगाई गई है, उसे तत्काल हटाई जाए, ऐसी मांग की गई है। यदि यह समस्या हल हो जाती है तो गरीब मजदूरों को फिर से राइस मिलों में काम मिल सकेगा। इससे पूर्व राइस एक्सपोर्ट पर शून्य प्रतिशत ड्यूटी थी। इस संदर्भ में राइस मिल एसोसिएशन द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में लगभग 325 से अधिक राइस मिल संचालित है, जिनमें से 275 से अधिक राइस मिलों में शासन के धान की मिलिंग की जाती है।
जिले में रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण जिले के अधिकांश गरीब मजदूरों का परिवार राइस मिलों में काम कर अपना परिवार चलाते है। बताया गया है कि जिले के लगभग 50 हजार मजदूरों के सदस्य राइस मिल के काम पर निर्भर है। लेकिन अचानक राइस मिलर्सों को किसी भी प्रकार का समय न देते हुए राइस एक्सपोर्ट पर 20 प्रतिशत डयूटी लगा दी गई है। 20 प्रतिशत ड्यूटी लगा दिए जाने के कारण राइस मिलों द्वारा विदेशों में एक्सपोर्ट हाेने वाला राइस अब बंद हो गया है। जिस कारण मजदूरों के हाथों का काम छूट गया है। राइस मिलों में काम नहीं मिलने के कारण 50 हजार मजदूरों पर आर्थिक संकट आन पड़ा है। इसलिए सरकार द्वारा राइस एक्सपोर्ट पर लगाई गई 20 प्रतिशत डयूटी तत्काल हटाई जाए, ऐसी मांग की जा रही है। ताकि राईस मिल फिर से शुरू होकर मजदूरों को काम मिल सके।