गुहार: धान खरीदी केंद्र शुरू कर, दाम तय करने की उठ रही मांग

निजी व्यापारियों के हाथ फसल जाने से रोकें

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-07 13:00 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया । खरीफ सत्र के धान की कटाई का काम अभी शुरुआती दौर में है, अगले 15 दिनों में इसमें तेजी आएगी। कटाई के बाद बाजार में बिक्री के लिए धान आना प्रारंभ हो जाएगा। इसीलिए शासन भी किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके और निजी व्यापारियों के हाथों उनका शोषण न हो इसके लिए दिवाली से पूर्व शासकीय धान खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग की जा रही है।  धान खरीदी केंद्र संचालकों ने भी समस्याओं की ओर शासन का ध्यानाकर्षित करने का प्रयास शुरू किया है।

केंद्र संचालकों का कहना है कि राज्य शासन के नागरी आपूर्ति एवं ग्राहक संरक्षण विभाग के शासन निर्णय के अनुसार सहकारी संस्थाओं द्वारा खरीदी किए गए धान को गोदाम से मिलिंग के लिए दो माह के अंदर उठाया जाना चाहिए। लेकिन वर्ष 2020-21 एवं 2022-23 में मिलिंग के लिए धान 7 से 8 माह तक उठाया गया। पूर्व विदर्भ में तापमान अधिक होने के कारण संस्थाओं द्वारा खरीदे गए धान में प्राकृतिक रूप से सूख के कारण कमी आ जाती है। लेकिन यह घट (कमी) मंजूर नहीं होने के कारण खरीदी करने वाली संस्थाओं पर अन्याय होता है और उन्हें आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है। बताया गया कि वर्ष 2000 से 2011-12 तक राज्य सरकार की ओर से एक प्रतिशत एवं केंद्र सरकार की ओर से एक प्रतिशत इस तरह कुल दाे प्रतिशत तक खरीदे गए धान में कमी मंजूर की जाती थी। वर्ष 2012 से राज्य सरकार ने एक प्रतिशत की कमी मंजूर करना बंद कर दिया। लेकिन केंद्र सरकार की एक प्रतिशत की कमी मंजूरी जारी रही और संस्थाओं का 2021-22 तक इसी के तहत हिसाब-किताब किया गया। वर्ष 2022-23 में शासन ने प्रति क्विंटल केवल आधा प्रतिशत अर्थात 500 ग्राम सूख ग्राह्य की एवं खरीफ और रबी सत्र का हिसाब इसी के अनुसार किया जाएगा ऐसा 21 अप्रैल 2023 को पत्र जारी कर शासकीय धान खरीदी केंद्र संस्थाओं को सूचित किया है, यह अन्याय है।

अब जल्द ही खरीफ फसल की खरीदी से पूर्व बैठक होगी। बताया गया कि अक्टूबर 2022 में खरीदी के संबंध में सूचना देने के लिए जिला मार्केटिंग अधिकारी ने बैठक आयोजित की थी। उस बैठक में वर्ष 2022-23 की खरीदी में प्रति क्विंटल 500 ग्राम की ही मंजूरी देने एवं एक प्रतिशत कमिशन की पूर्व सूचना नहीं दी थी। शासन ने खरीदे गए धान को दो माह की बजाय 6 से 8 माह में उठाया। यह बात रिकार्ड में दर्ज है। जिस कारण खरीदे गए धान में सूख अधिक आई। इस संबंध में 5 अक्टूबर को आमगांव सहकारी शेतकी धान गिरणी समिति के अध्यक्ष प्रवीण गहरवार और उपाध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने विधायक सहषराम कोरोटे को लिखित निवेदन देकर अवगत कराया है एवं मांग की कि वे संस्थाओं की मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाए और संस्थाओं के हित में निर्णय लेने के लिए आग्रह करें, ताकि धान खरीदी संस्थाओं का वजूद कायम रहे और किसानों के धान की खरीदी सही समय पर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से हो सके।

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