गोंदिया: लोस चुनाव की मतगणना का काउंटडाउन शुरू, रिजल्ट को लेकर मतदाताओं में भारी उत्साह

  • भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में मतदान के पहले चरण में ही 19 अप्रैल को मतदान संपन्न
  • डेढ़ माह बाद 4 जून को इस चुनाव की मतगणना भंडारा में होगी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-31 14:08 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। लोकसभा चुनाव 2024 के तहत भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में मतदान के पहले चरण में ही 19 अप्रैल को मतदान संपन्न हो गया। लगभग डेढ़ माह बाद 4 जून को इस चुनाव की मतगणना भंडारा में होने जा रही है। मतगणना का काउंट डाउन शुरू होने के साथ ही राजनीतिक दावे-प्रतिदावे एवं चर्चाए अब फिर जोर पकड़ने लगी है। हर गली, हर चौराहे, हर पानठेले, चाय दुकान आदि पर जहां भी चार लोग जमा होते है वहां इन दिनों केवल चुनाव एवं परिणामों पर ही चर्चा होती दिखाई दे रही है। भंडारा-गोंदिया लोकसभा क्षेत्र में मुख्य मुकाबला महायुती के उम्मीदवार भाजपा के सुनील मेंढे एवं महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार कांग्रेस के डॉ. प्रशांत पडोले के बीच ही है। इसमें कोई दो राय नहीं है।

शुरुआती दौर में महायुती के लिए यह सीट आसान मानी जा रही थी, लेकिन जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आई वैसे-वैसे यह चुनाव कांटे का होता गया। इस चुनाव में क्षेत्र में कुल 67.04 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इस चुनाव में दोनों ही गठबंधनों की ओर से मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अपने-अपने नेता, कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जिसके चलते इस बार मतदान 70 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही थी। नेताओं की प्रचार सभाओं में भी नागरिक उमड़ रहे थे। लेकिन मतदान के दिन मतदाता उतनी तादाद में घरों से बाहर नहीं निकले, जितने की उम्मीद लगाई जा रही थी।

कम मतदान होने के कारण ही आज भले ही दोनों पक्ष अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे है, लेकिन कोई भी गारंटी देने की स्थिती में नहीं है। क्योकि मतदाताओं की खामोशी से कोई नतीजा निकालना आसान नहीं हो रहा है, लेकिन चर्चाओं के बाजार से एवं सट्टा बाजार से जो खबरे छन-छनकर बाहर आ रही है, उससे यह स्पष्ट है कि दोनों ही गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला कांटे का होगा एवं जीत-हार का अंतर लाखों में नहीं बल्कि हजारों तक ही सिमट जाएगा। राजनितिक दल मतदान खत्म होने के बाद से ही अपने कार्यकर्ताओं एवं नेताओं के साथ बैठकर क्षेत्रवार हुए मतदान का जायजा लेकर अपना-अपना गणित लगाने में लगे हुए है। अब तो 4 जून को ही यह स्पष्ट होगा कि खामोश मतदाता ने अपनी उंगली से बटन दबाकर किसे दिल्ली भेजने का निर्णय लिया है।


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