लिकिंग के 36 लाख के माल की बिक्री पर लगाई रोक

  • कृषि विभाग हुआ अलर्ट
  • लिकिंग के 36 लाख के माल की बिक्री पर रोक

Bhaskar Hindi
Update: 2023-07-25 13:44 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. कृषि विभाग ने अब डीलरों एवं कृषि केंद्रों की जांच शुरू की है। जिसके बाद लगभग 36 लाख रुपए की पूरक खाद एवं अन्य सामग्री की बिक्री पर रोक लगा दी है। यूरिया, डीएपी, कृभको जैसी खाद के साथ सागरिका गोल्ड, मायक्रोला, सल्फामैक्स, झिंक जैसी पूरक खाद की लिकिंग कर कंपनियों द्वारा डीलरों को दी जाती है। जिसके कारण डीलर भी किसानों को उनकी मांग के खाद के साथ पूरक सामग्री खरीदने के लिए बाध्य करते हैं। इसी लिकिंग से परेशान होकर गोरेगांव तहसील के कृषि केंद्र संचालकों ने 18 जुलाई को अपनी दुकानें ही बंद कर सभी प्रकार की कृषि सामग्री बेचना बंद कर दिया था। जिसके बाद कृषि विभाग भी अलर्ट मोड पर आया एवं संचालकों के साथ ही कंपनी प्रतिनिधियों से चर्चा कर उन्हें लिकिंग सामग्री जबरन न देने की चेतावनी दी। जिसके बाद ही विक्रेताओं ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी।

फिलहाल खरीफ मौसम शुरू है। ऐसे में खाद विक्रेता कंपनियों द्वारा कृषि केंद्र संचालकों एवं डीलरों को पूरक खाद एवं अन्य सामग्री खरीदने के लिए दबाव डाला जाता था। जिसके कारण किसानों को भी जिस खाद अथवा सामग्री की जरूरत नहीं होती थी वह भी मजबूरन उसे खरीदना पड़ता था। शिकायत के बाद अब कृषि विभाग ने कृषि केंद्र संचालकों को लिकिंग कर खाद की बिक्री न करने के आदेश दिए है। यहीं आदेश विक्रेता कंपनियों को भी दिया गया है। कंपनियों एवं कृषि केंद्र संचालकों ने भी यह आदेश मान्य किया है। जिसके बाद जिला कृषि अधीक्षक कृषि अधिकारी ने सभी क्वालिटी कंट्रोल निरीक्षकों को रासायनिक खाद के साथ अन्य खाद की लिकिंग कर बेचने के संबंध में कृषि केंद्र एवं गोदामों की जांच के आदेश दिए थे।

जिसके बाद उड़नदस्तों द्वारा बीसीएमएफ गोंदिया जैसे डीलर सोसायटी एवं अन्य कृषि केंद्र विक्रेताओं की जांच कर लगभग 36 लाख रुपए का पूरक माल बेचने पर रोक लगा दी है। जिन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई गई है उसमें सागरिका गोल्ड, मायक्रोला, सल्फामैक्स एवं झिंक जैसी पूरक खाद का समावेश है। इसके बावजूद लिकिंग कर खाद बेचने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।

किसानों एवं चिल्लर कृषि केंद्र संचालकों में चर्चा है कि यदि लिकिंग के विषय में डीलरों (थोक विक्रेताओं) के गोदामों की जांच कर पूरक खाद की बिक्री पर रोक लगा दी जाए तो यह माल चिल्लर कृषि केंद्रों तक पहुंचेगा ही नहीं आैर जब वहां नहीं पहुंचेगा तो किसानों को विक्रेताओं द्वारा पूरक सामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। इस संबंध में कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी बावनकर से बात करने पर उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से कृषि केंद्रों के साथ ही डीलरों की भी जांच की जा रही है एवं आगे भी यह अभियान जारी रहेगा। ताकि किसानों को कोई भी लिकिंग कर माल खरीदने के लिए बाध्य न कर सके।

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