गोंदिया: सरकारी नीतियों से नाराज वामदलों ने मनाया विरोध दिवस
- प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
- सरकारी नीतियों से नाराजगी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. महाराष्ट्र राज्य लाल बावटा खेत मजदूर यूनियन गोंदिया जिला कौंसिल की ओर से मनरेगा योजना को कमजोर करनेवाली केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 11 अक्टूबर को वाम दलों की ओर से मनाए जा रहे विरोध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री के नाम उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर केंद्र की नीतियों का विरोध किया गया। निवेदन में कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्र की उन्नति एवं कृषि के विकास के लिए मनरेगा एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए केवल जिओ टैग द्वारा हाजिरी लेने एवं ड्रोन कैमरे द्वारा साइड का निरीक्षण करने से काम नहीं चलेगा। बल्कि इसके लिए सोशल ऑडिट एवं स्थानीय खेतिहर मजदूर वर्ग की निगरानी एवं सहभागिता आवश्यक है। बेरोजगारी और आर्थिक मंदी के इस दौर में मनरेगा उपजीविका चलाने का सुरक्षित माध्यम है।
इससे बाजार में उत्साहवर्धक वातावरण तैयार होता है और मजदूरों की क्रय शक्ति बढ़ती है। जिससे इस कानून के क्रियान्वयन में आनेवाली बाधाओं को दूर कर उसे अधिक से अधिक पारदर्शक बनाने की आवश्यकता है। शासन इस कानून को बोझ और अनुपयोगी न समझे।
देश में जॉब कार्ड धारकों की संख्या 14.78 करोड़ है। जबकि मजदूरों की संख्या 26.73 करोड़ है। मनरेगा के कार्ड रद्द करनेवालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2022-23 में 5 करोड़ 89 लाख 11 हजार 600 कार्ड रद्द किए गए हैं। जबकि वर्ष 2021-22 में 1.49 करोड़ कार्ड रद्द किए गए थे। 18 से 30 वर्ष के काम मांगनेवाले मजदूरों की संख्या 2.95 करोड़ से बढ़कर 3.6 करोड़ हो गई है। जबकि वर्ष में 100 दिन काम मिलनेवाले मजदूरों की संख्या केवल 10 फीसदी है। वर्ष 2009 के बजट में 3.4 प्रतिशत राशि मनरेगा के लिए आवंटित की गई थी। जो अब घटकर 1.3 प्रतिशत हो गई है। यदि मजदूरों को 100 दिन काम उपलब्ध कराना है तो, 2.72 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता है।
मनरेगा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 600 रुपए मजदूरी दिए जाने, ग्रामीण क्षेत्र में तालाब, सड़क के काम मनरेगा के अंतर्गत किए जाने, मनरेगा का सोशल आॅडिट करने, मजदूरों को वर्ष में 200 दिन काम उपलब्ध कराने, मनरेगा की निधि अन्य योजनाओं में उपयोग न किए जाने एवं योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने की मांग भी निवेदन में की गई है। निवेदन सौंपते समय संगठन के राज्य उपाध्यक्ष हौसलाल रहांगडाले, राज्य सहसचिव कल्पना डोंगरे, जिला सचिव प्रल्हाद उके, आयटक के जिला सचिव रामचंद्र पाटील, सहसचिव परेश दुरुगवार, कौंसिल सदस्य गुणवंत नाईक, जितेंद्र गजभिये, घनश्याम गजभिये, प्रकाश डहाट, गंगाधर भावे आदि उपस्थित थे।