गोंदिया: प्राकृतिक आपदा से निपटने सभी विभाग रहें तैयार, फिल्हाल उमस से नागरिक परेशान

  • मानसून पूर्व समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी नायर ने दिए आदेश
  • बारिश का मौसम शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-24 12:24 GMT

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। बारिश का मौसम शुरू होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। बारिश के दिनों में अचानक बाढ़ आना, बांधों का टूट जाना, सड़क बह जाना, गांव में बारिश का पानी घुसना जैसी समस्याएं निर्माण होती हैं, जिसे देखते हुए आपदा निवारण के लिए सभी शासकीय विभागों को तैयार रहने के निर्देश जिलाधिकारी प्रजित नायर ने दिए। वे जिलाधिकारी कार्यालय में गुरुवार को आयोजित मानसून पूर्व तैयारी समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। बैठक में जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम. मुरूगानंथम, निवासी उपजिलाधिकारी विजया बनकर, आपदा प्रबंधन अधिकारी राजन चौबे एवं विविध विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के पुराने मार्ग, इमारत, पुल, शासकीय इमारत, शाला व महाविद्यालयों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर उपयोग योग्य होने का प्रमाणपत्र देना आवश्यक है। मानसून में हर तहसील में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर वह 24 घंटे कार्यरत रहे यह सुनिश्चित किया जाए। गोंदिया जिले में 96 गांव ऐसे हंै जहां बारिश के मौसम में बाढ़ का खतरा निर्माण हो सकता है। इन गांवों के लिए विशेष उपाय योजनाओं के साथ सुक्ष्म प्रारूप तैयार किया जाए। साथ ही इन गांवों के लिए वैकल्पिक मार्गों की सूची तैयार की जाए। जिन गांवों से संपर्क टूट जाता है उनकी सूची तत्काल देने के निर्देश दिए। 1 जून से तहसीलवार नियंत्रण कक्ष स्थापित कर उनमें पूर्णकालिक कर्मचारी की नियुक्ती की जानी चाहिए। नगर पालिका, नगर पंचायत व ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन समिति गठीत की जानी चाहिए। अनुभवी व तैरने वाले व्यक्तियों की सूची अपडेट करने के साथ ही इसमें राजस्व एवं पुलिस विभाग के अनुभवी कर्मचारियों का समावेश करने की सूचना भी उन्होंने दी।

बांध का पानी छोड़ते समय गांववासियों को पूर्व सूचना दी जानी चाहिए। जिसके लिए मुनादी देने के साथ सोशल मीडिया का उपयोग करने की बात भी कलेक्टर ने कहीं। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने क्षेत्र में सुरक्षित निवास, समाज भवन, स्कूल, मंगल कार्यालय, लॉन अथवा बड़ी ईमारत की पहचान कर उन्हें आरक्षित करने की कार्रवाई तत्काल करें। मानसून की अवधी में नागरिकों से जलाशयों, बांधों की ओर न जाने का आव्हान भी उन्होंने किया। जिलाधिकारी ने बैठक में सूचना दी कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित गांवों के साथ ही बचाव पथक के लिए रबर बोट, फायबर बोट, लाईफ जैकेट, लाईफ रिंग, रोप मंडल, सर्च लाईट, मेगा फोन, ओबीएम मशीन, सॅटेलाईट फोन, टॉर्च, हेल्मेट आदि साधनों की पूर्व तैयारी अभी से तैयार कर रखी जानी चाहिए। राजन चौबे ने प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के संबंध में प्रात्याक्षिकरण के माध्यम से जानकारी दी।

बदरीले मौसम और उमस से नागरिक परेशान

उधर जिले में मौसम का मिजाज इन दिनों आम नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। दिन के समय उमसभरी गर्मी से शरीर पसीना-पसीना हो रहा है। तो शाम के समय हल्की हवाएं चल रही हैं। अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंचने लगा है। उमसभरी गर्मी से लोग परेशान हो रहे हैं। दोपहर में सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं। इस तरह का वातावरण स्वास्थ्य की दृष्टि से भी हानिकारक है। सुबह से शाम 4-5 बजे तक तेज धूप तप रही है। जबकि शाम 5 बजे के बाद हल्की हवाएं चलती हैं। देर रात तक भी गर्मी का एहसास आम नागरिकों को हो रहा है। घरों में चलने वाले पंखे व कूलर भी राहत पहुंचाने में नाकाफी साबित हो रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों से चटकने वाली धूप आम नागरिकों को परेशान कर रही है। मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान भी अनेक बार खरा उतरता नहीं दिख रहा है। चौक-चौराहो पर जहां हमेशा आवाजाही बनी रहती थी, वहीं दोपहर बाद अब सड़के सुनसान दिखाई दे रही है। व्यापारी प्रतिष्ठानों में भी सुबह 11 बजे से पूर्व एवं शाम 5 बजे के बाद ही ग्राहक नजर आ रहे है। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी डा. निरंजन अग्रवाल ने बताया कि अब तक जिले में उष्माघात के कोई मामले सामने नहीं आए है। लेकिन मौसम को देखते हुए नागरिकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जहां तक संभव हो सके। आम नागरिकों को दोपहर के समय घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। उसी प्रकार घर से निकलने से पूर्व पानी अवश्य पिना चाहिए। भूखे पेट घर से बाहर न निकले, घर में रहने पर भी थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पिते रहना चाहिए। इससे काफी हद तक उष्माघात से बचने में मदद मिल सकती है। बढ़ते तापमान को देखते हुए आम नागरिकों को चक्कर आने, बेहोश होने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। उसी प्रकार तेज गर्मी के कारण हार्ट अटैक की संभावना भी बढ़ जाती है। जिसे देखते हुए सबसे पहली प्राथमिकता सतर्कता बरतना ही होना चाहिए। मौसम विज्ञान विभाग के प्रादेशिक मौसम केंद्र नागपुर द्वारा विदर्भ के जिलों के लिए अगले पांच दिनों का जो मौसम का पूर्वानुमान और चेतावनी जारी की गई है, उसके अनुसार गोंदिया जिले में 24 मई को एक-दो स्थानों पर बहुत हल्की से हल्की बारिश होने की अधिक संभावना है। वहीं कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती है। 25 मई से फिर मौसम शुष्क रहने का अनुमान जताया गया है।


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