निरीक्षण: मुख्यमंत्री मेरी शाला सुंदर शाला अभियान के तहत मनपा शाला का लिया गया जायजा
- शिक्षाधिकारी ने किया मनपा शाला का मुआयना
- मेरी शाला सुंदर शाला अभियान को लेकर समीक्षा
- बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा
डिजिटल डेस्क, अकोला। शहर के शिवसेना वसाहत परिसर स्थित मनपा मराठी शाला क्रमांक 26 का माध्यमिक शिक्षा अधिकारी डॉ सूचिता पाटेकर ने जायजा लिया। उनके साथ किशोर पुंडकर (लेखाधिकारी जिप) ने मुख्यमंत्री मेरी शाला सुंदर शाला अभियान के तहत मुआयना किया। सर्वप्रथम विद्यालय में आए सभी सम्मानित पदाधिकारियों का स्वागत विद्यालय के मुख्याध्यापक राजू अवधूत ने किया। आए हुए सभी पदाधिकारियों ने प्रत्येक कक्षा का मुआयना किया। हर कक्षा में विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता देखी गई। छात्रों से कुछ प्रश्न भी पूछे गए। इसके अलावा छात्रसंख्या देखकर शिक्षाधिकारी ने मुख्याध्यापक की प्रशंसा भी की गई।
मेरी शाला सुंदर शाला अभियान को लेकर समीक्षा भी की गई। इस अभियान के संबंध में दिशानिर्देश शिक्षाधिकारी ने दिए। उन्होंने इस अभियान में विद्यालय के प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त किया। विद्यालय के शैक्षिक एवं भौतिक वातावरण को देखकर माननीय शिक्षा अधिकारी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाले विद्यालय की सराहना की। मुख्यमंत्री मेरी शाला सुन्दर शाला अभियान की जानकारी मनपा आयुक्त कविता द्विवेदी, एवं एम प्रमोद टेकाड़े (प्रशासनिक अधिकारी म.न.पा.) के मार्गदर्शन में स्कूल के प्रधानाध्यापक राजू अवधूत ने दी। मुख्यमंत्री मेरी शाला सुन्दर शाला अभियान को लेकर सर्वश्री देशपांडे, अघडते, भूतकर, सपकाल, वाघ, खरोडे, खास कार्य कर रहे हैं।
बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर स्कूलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए राज्य में मेरा स्कूल सुंदर स्कूल प्रतियोगिता शुरू की गई है। इस प्रतियोगिता के जरिए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की भी कोशिश की जा रही है। 45 दिन चलने वाली स्पर्धा में राज्य से सभी निजी और सरकारी स्कूल शामिल हो सकते हैं। 1 जनवरी से शुरू हुई इस प्रतियोगिता के लिए 15 मार्च कर नामांकन कराया जा सकता है। इस प्रतियोगिता में शामिल स्कूलों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें अंक दिए जाएंगे। 100 अंक में से सबसे ज्यादा अंक पाने वाले हर विभाग के तीन स्कूलों को पुरस्कार दिए जाएंगे।
इस अभियान के तहत स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय एकता, स्वास्थ्य, आर्थिक साक्षरता, कौशल विकास से जुड़ी प्रतियोगिताएं होंगी। सरकार की कोशिश है कि इस अभियान के जरिए स्कूल और विद्यार्थी समाज से भी जुड़े और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो। इसके लिए प्रसासनिक स्तर पर कार्य जारी है।