बढ़ती महंगाई: इस संक्रांति पर देसी तिल के दाम बढ़े, कम आवक के कारण कीमत में हुआ इजाफा
- देसी तिल हुआ महंगा
- गुड़ के दाम स्थिर
- तिल का उत्पादन कम रहने से दाम में तेजी
डिजिटल डेस्क, अकोला। बाजार में गुजरात से तिल आता है। तिल की आवक के हिसाब से दाम में तेजी-मंदी रहती है। यदि तिल की बंपर आवक हुई, तो दाम फिसल जाते हैं, आवक घटी तो दाम में भारी इजाफा हो जाता है। विगत वर्ष के मुकाबले तिल के दाम 60 रूपए से बढ़ गए हैं। फिलहाल अच्छी क्वॉलिटी का खुला देसी तिल थोक में 165 रूपए किलो और फुटकर 180 रूपए किलो तक पहुंच गया है। बल्कि जो पिछले साल थोक में 105 रूपए किलो और फुटकर 120 रूपए किलो तक स्थिर थे। लेकिन इस वर्ष दाम में 60 रूपए की प्रति किलो के पीछे वृद्धि होने की जानकारी तिल विक्रेता ने दी है।
कम आवक से दाम बढ़े
मनीष तारपवार, व्यवसायी ने बताया कि देसी तिल खाने में स्वादिष्ट लगता है। इस वर्ष आवक कम होने की वजह से विगत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष देसी तिल 60 रूपए प्रति किलो महंगा हुआ है। जो पिछले साल 120 रूपए किलो, अब 180 रूपए किलो बिक रहा है। फली दाना 40 रूपए से महंगा हुआ, लेकिन इस साल गुड़ के दाम स्थिर है।
सड़क किनारे विक्रेता तिल-गुड की बेचते हुए नजर आ रहे है। संक्रांति नए साल का पहला त्योहार होने से इस पर्व पर तिल-गुड़ का काफी महत्व है। इस त्योहार पर तिल-गुड के लड्डू बनाकर या तिल कूटकर उसे बांटने की प्रथा प्रचलित है। जिससे हर घर में संक्रांति के लिए तिल-गुड़ खरीदा जाता है, लेकिन संक्रांति के पहले ही तिल के दाम में तेजी आना शुरू हो जाती है।
देसी तिल 180 रूपए किलो और पैकेट बंद तिल 220 रूपए किलो तक बिक रहा है। इस वर्ष तिल का उत्पादन कम रहने से दाम में तेजी आई है। पहले संक्रांति के पूर्व गृहिणियां घर में तिल-गुड़ के लड्डू बनाकर रखती थी। जिससे घर में उसकी खुशबू महकने लगती थी। आज समय के अनुसार बदलाव हो रहा है। आधुनिक जमाने में सभी चीजे रेडिमेड मिलने लगी हैं। जब चाहे तब बाजार से खरीदकर ले आओ। तिल-गुड़ के लड्डू या तिलपट्टी सब तैयार मिलता है।
पिछले साल की तरह इस वर्ष गुड़ के दाम स्थिर हैं। जो थोक में 38 रूपए किलो और फुटकर 45-50 रूपए किलो तक बिक रहा है, ऐसा विक्रेता ने बताया गया। इसी तरह फल्लीदाना का भाव विगत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बढ़ा है। एक साल पहले फलीदाना 80 रूफए किलो था। इस वर्ष 40 रूपए बढ़कर थोक में 105 रूपए और फुटकर 120 रूपए किलो तक पहुंच गया है।