चेतावनी: गर्मी से पसीना-पसीना हो रहे लोग, अगले दो दिन तक एलो एलर्ट, सूरज की बढ़ी तपन
- अधिकतम तापमान 42 डिग्री
- लू के मरीजों पर उपचार के लिए आरोग्य केंद्र तैयार
- भीषण गर्मी से बचने के टिप्स
डिजिटल डेस्क, अकोला। जिले का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच चुका है। अप्रैल माह लगते ही सूरज ने आग उगलना शुरू कर दिया है। इस बीच मौसम विभाग ने विदर्भ के सभी जिलों में एलो एलर्ट के तहत हीट वेव से सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है। जिला हमेशा ही तेज धूप, गर्मी के लिए जाना जाता रहा है। मार्च के अंतिम दिनों में तेज धूप तपी, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण फिर मौसम बदला था। अब फिर से सूरज ने तेवर दिखाने शुरु कर दिए हैं। गुरुवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 24 डिसे दर्ज किया गया। तेज धूप तथा गर्मी से नागरिक पसीना-पसीना होते रहे हैं। लू से बचाव के लिए नागरिक धूप में जाने से बच रहे हैं, साथ ही पानी तथा शीतपेय का सहारा लिया जा रहा है। नागपुर मौसम विभाग ने 5 एवंं 6 अप्रैल को विदर्भ को एलो एलर्ट में रखा है। अकोला जिले में भी हीट वेव का असर रहेगा। इसी प्रकार लू से बचाव के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी गई है।
लू के मरीजों पर उपचार के लिए आरोग्य केंद्र तैयार
अकोला जिले का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच चुका है। इस पर गौर करते हुए लू के मरीजों को तुरंत उपचार मिले इसलिए आरोग्य प्रशासन ने जिले के सभी प्राथमिक आरोग्य केंद्र, ग्रामीण अस्पताल तथा उपजिला अस्पतालों में उष्माघात कक्ष शुरू किए है। कक्ष में मरीजों के लिए बेड, कूलर, ठंडे पानी की व्यवस्था, फैन, दवाइयां एवं आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई है। वहीं बढ़ती गर्मी को लेकर आवश्यक उपाययोजनाओं को लेकर नागरिकों में जनजागृति की जा रही है। लू के लक्षण होने पर तुरंत समीपस्थ आरोग्य केंद्र पर संपर्क करे, ऐसी अपील जिला आरोग्य अधिकारी डा. बलीराम गाढवे ने की है।
भीषण गर्मी से बचें
गर्मियों में सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी है। इस समर सीजन झुलसाने वाली गर्मी से बचना है इन टिप्स को फॉलो जरूर करें.
धूप से बचें
सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक धूप में निकलने से बचें, इस दौरान तापमान सबसे अधिक होता है. अगरआपको बाहर जाना है, तो छाता, टोपी और धूप का चश्मा पहनें. ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहनें जो सूरज की रोशनी को परावर्तित करते हैं.
तरल पदार्थों का सेवन बढ़ाएं
पानी, जूस, ORS घोल और अन्य तरल पदार्थों का सेवन नियमित रूप से करते रहें. ठंडे तरल पदार्थ जैसे कि लस्सी, छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी आदि आपके शरीर को अंदर से कूल रखेंगे. प्यास लगने का इंतजार न करें, थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें, इससे आप हाइड्रेट रहेंगे. बाहर जाते समय हमेशा ठंडे पानी की बोतल अपने साथ रखें.
खानपान
गर्मियों में हल्का और पौष्टिक भोजन खाएं. तले हुए और अत्यधिक मसालेदार खाने से परहेज करें. अपने खाने में दही, छाछ, फल, सब्जियां, सलाद आदि शामिल करें.
घर को भी रखें कूल
घर को ठंडा रखें, दिन के समय खिड़कियों और दरवाजों पर पर्दे लगाएं. सुबह और शाम के समय जब बाहर का तापमान कम हो जाए खिडकियां खोल दें. ठंडे पानी से स्नान करें.