किसान परेशान : चना खरीदने में टालमटोल कर रही कंपनी को काली सूची में डालने की मांग

  • चना खरीदने में टालमटोल कर रही कंपनी
  • काली सूची में डालने की मांग
  • किसान हो रहे परेशान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-05-24 13:29 GMT

डिजिटल डेस्क, अकोला। चना फसल की खरीदी में टालमटोल करनेवाली महा एफपीसी पुणे कंपनी को नाफेड व शासकीय खरीदी केंद्र की सूची से निकालकर काली सूची में डालने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया। इसे लेकर मंगलवार को स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि किसानों ने उरल केंद्र पर पंजीयन किया है। केंद्र महा एफपीसी पुणे यह एसएलए के अधीन काम करती है, लेकिन 19 अप्रैल 2023 को चना खरीदी बंद हुई तब उरल केंद्र से नापजोख के एसएमएस आए, शासन ने टार्गेट बढ़ा दिया। महा एफपीसी पुणे ने जिले में 10 दिन बीत जाने के बाद भी चना खरीदी का टार्गेट उरल केंद्र को नहीं दिया।

‘स्वाभिमानी शेतकरी संगठन’ ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

जब इस केंद्र पर जाकर पूछताछ की गई, तब 124 किसानों को गिनती के लिए एसएमएस गए। फिलहाल उनकी गिनती बाकी है। इसके बाद महा एफपीसी पुणे की ओर से टार्गेट उरल केंद्र को नहीं दिया जाएगा, ऐसा भी कहा गया। जिलाधिकारी के आदेश से गिनती के एसएमएस भेजे जाने से किसानों को प्राथमिकता देकर प्रति किसान ज्यादा से ज्यादा 25 क्विंटल का आदेश दिया गया।

बावजूद इसके कंपनी मनमाने ढंग से कामकाज कर रही है। साथ ही उरल केंद्र को टार्गेट भी नहीं दिया जा रहा है। किसानों की मांग है कि इस अन्याय काे देखते हुए महा एफपीसी पुणे इस एसएलए को काली सूची में डालकर कार्रवाई की जाए।

कार्रवाई न करने पर ‘स्वाभिमानी शेतकरी संगठन’ आनेवाले 4 दिनों के भी जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में आंदोलन करने की चेतावनी दी। आंदोलन में गणेश खुमकर, नितिन कोरडे, विठ्ठल कुकडे, संदीप ससे, राम राठी, पंकज दुतोंडे, मंगेश ढोकणे, पवन, गणेश भटकर, सुधाकर बुटे, अनंतराव, गणेश सदाबल शामिल हुए।

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