सबकुछ होने के बावजूद खा रहे थे गरीबों का अनाज, 65 अपात्रों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला

  • अपात्र होने के बावजूद ले रहे थे अनाज
  • 65 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मामला
  • गरीबी रेखा के तहत 1297 लाभार्थी निकले अपात्र

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-20 13:08 GMT

डिजिटल डेस्क, अकोला। सबकुछ होने के बावजूद गरीबों का अनाज खाने वालों की कमी नहीं है। जिले में 1297 लाभार्थी ऐसे पाए गए हैं, जो गरीबी रेखा के तहत सरकारी राशन उठा रहे थे। जिसके बाद प्रशासन जागा और 65 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, हालांकि अब तक जिले के 1981 नागरिकों ने लाभ लेने से इंकार किया है। क्योंकि प्रशासन ने अपील की थी कि जो संपन्न हैं और अच्छा खासा कमा रहे हैं, वो गरीबों के राशन से अपना हक छोड़ दें। 

जिला आपूर्ति अधिकारी बी.यू.काले के मुताबिक सस्ते अनाज की राशन दुकानों से राशन कार्ड पर मिलने वाले अनाज का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने गिव इट अप योजना लागू की थी और इस दौरान अपात्र लाभार्थियों को लाभ छोड़ने की अपील की गई थी। इसके लिए समयावधि 25 फरवरी तक रखी गई थी, लेकिन समय निकल जाने के बाद भी लोग लाभ उठाने से बाज नहीं आ रहे थे।


कैसे लगा पता

अपात्र लाभार्थियों का पता लगाने ग्राम स्तर पर सतर्कता समिति का गठन किया गया। जहां लोगों ने आवेदन जमा किए थे। दक्षता समिति ने बताया है कि जिले में अब तक प्राथमिकता गुट योजना के तहत 6148, अंत्योदय खाद्य योजना के तहत 304 और गरीबी रेखा के तहत 1297 लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं।

गरीबों के राशन से अपना हक छोड़ने वाले लाभार्थियों में प्राथमिकता समूह योजना के अन्तर्गत 1584, अंत्योदय खाद्य योजना के अन्तर्गत 74 एवं गरीबी रेखा के अन्तर्गत 305 लोग शामिल हैं। जांच के बबाद देखा गया कि वर्तमान में जिले में 11024 लाभार्थी अपात्र हैं। तब जाकर प्रशासन हरकत में आया। 


जिला आपूर्ति विभाग की ओर से नागरिकों से आवाहन किया गया था कि यह योजनाएं केवल जरुरतमंद परिवारों के लिए ही शुरु की गई है। इस योजना के लिए शासन की ओर से जो नियम बनाए गए हैं। इसके अंतर्गत आनेवाले ही योजना का लाभ ले सकते है, नहीं तो कार्रवाई होगी।

इन तहसीलों के लाभार्थियों पर कार्रवाई

जिला आपूर्ति विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बार्शिटाकली में 25, तेल्हारा में 17, अकोला शहर में 8, अकोट में 5, बालापुर में 7 और पातुर तहसील में 3 मामले दर्ज किए गए हैं। अपात्रों पर गाज गिरनी शुरु हो रही है।


इन्हें हैं जरूरत

दो जून की रोटी के लिए जद्दोजहद करने वाले परिवारों को सरकारी मदद की जरूरत होती है, उनमें भी कई ऐसे होते हैं, जिन तक मदद नहीं पहुंच पाती, या उन्हें पता ही नहीं होता कि सरकार ने उनके लिए कौन सी योजनाएं बनाई है, जिसका वे लाभ ले सकते हैं, लेकिन प्रशासन की सख्ती के बाद उम्मीद है कि जरूरत मंदों तक निवाला पहुंच सकेगा।  


Tags:    

Similar News