आंदोलन: आशा -आंगनवाड़ी कर्मियों ने निकला मोर्चा, मांगों को पूरा करने के लिए प्रदर्शन

  • एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन
  • बालवाड़ी कर्मियों ने बेमियादी हड़ताल की थी
  • अशोक वाटिका से जिलाधिकारी कार्यालय तक मोर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-16 13:22 GMT

डिजिटल डेस्क, अकोला। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इससे पहले भी आंगनवाड़ी और बालवाड़ी कर्मियों ने बेमियादी हड़ताल की थी। प्रदर्शनकारियों ने आंगनवाड़ी कर्मचारी पेंशन और लिखित आश्वासन सहित मुआवजा वृद्धि का जीआर निकालने तक हड़ताल वापस नहीं लेने का आहवान किया था। शासन-प्रशासन ने उनकी मांगें मंजूर करने का आश्वासन देया था, जिसके पश्चात उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ली थी। लेकिन पेन्शन मानधन वृद्धि का लिखित आश्वासन जीआर न निकालने से पुन: आशा व आंगनवाड़ी कर्मियों ने सरकार की नीति के विरोध में राज माता जिजाऊ, स्वामी विवेकानंद जयंती उपलक्ष्य में अशोक वाटिका से जिलाधिकारी कार्यालय तक मोर्चा निकालकर आंदोलन किया।

जिले की 2 लाख से अधिक आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका, कर्मचारी 4 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल कर रहे हैं। उनकी प्रलंबित मांगो के बारे में नयन गायकवाड, सुनीता पाटिल, मायावती बोरकर, शालू नाईक, सुरेखा ठोसर, दुर्गा देशमुख, सरोज मूर्तिजापुर, ज्योति ताथोड, महानंदा ढोक, आशा मदने, मंगला अढाऊ, कल्पना महल्ले, वंदना डांगे, त्रिवेणी मानवटकर, प्रिया वरोटे ने मार्गदर्शन किया। इस आंदोलन को भारतीय कम्युनिस्ट, आशा संगठन और कांग्रेस, इंडिया आघाडी सहित अन्य श्रमिक संगठनों ने समर्थन किया।

राज्य आंगनवाड़ी बालवाड़ी कर्मचारी इस अवसर छाया वरके, सविता प्रधान, शालू नाईक व हजारों आशा वर्करों ने भव्य मोर्चा निकालकर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, महिला बाल विकास मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री आदि को ज्ञापन भेजकर मांगो को पूरा करने की गुहार लगाई है।

यह थी मांगें

आंगनवाड़ी सेविका व मिनी आंगनवाडी सेविका को 26 हजार व सहायिका को 20 हजार रूपए मानधन में वृद्धि करने की मांग की गई। आंगनवाडी के लिए रूपए 5 से 8 हजार रूपए किराया मंजूर करने को कहा गया।

आहार का जो मूल्य 8 रूपए हैं, उसे बढ़ाकर 16 से 24 रूपए किया जाए, आशा व गुट प्रवर्तकों को दिवाली उपहार 2 हजार रूपए दिवाली पूर्व दिए जाए, आशा स्वयंसेवकों के मुआवजे में सात हजार व गुटप्रवर्तकों के मुआवजे में 10 हजार की वृद्धि करने की मांग पर मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल में कोई निर्णय न होने से सरकार की नीति के विरोध में फिर से मोर्चा निकालकर आंदोलन किया गया।


 

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