परिवर्तन: अकोला में आएंगी 250 इलेक्ट्रिक बसें

  • प्रदूषण कम करने में जुटा प्रशासन
  • 5 डिपो में कर रहा बदलाव

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-23 13:34 GMT

डिजिटल डेस्क, अकोला. प्रदूषण को कम करने के लिए वाहनों में बदलाव किया गया है। दुपहिया व चारपहिया वाहनों के पश्चात बडे वाहनों को भी इलेक्ट्रिक समेत अन्य संशाधनों से चलाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार के उपक्रम में रापनि भी अपने बसों में बदलाव कर रहा है। अकोला विभागीय नियंत्रक कार्यालय के अंतर्गत आने वाले 5 डिपो में बसों में चार्जिंग स्टेशन तथा अकोला व वाशिम में बसों विभागीय कार्यशाला बनाने की तैयारी की जा रही है। बसों को चार्ज करने के लिए बिजली आपूर्ति की प्रक्रिया अंतिम चरणों में चल रही है। यह प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात अकोला में इलेक्ट्रसिटी पर चलने वाली बसों को शामिल किया जायेगा।

वाहनों में आ रहे बदलाव को देखते हुए रापनि भी अपने बसों में बदलाव कर रही है। जिसके चलते प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसें चरणबध्द तरीके से उपलब्ध करवाई जा रही है। विभागीय नियंत्रक कार्यालय के अंतर्ग 5 स्थानों पर चार्जिग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। जिसके चलते रापनि को प्रत्येक चार्जिंग स्टेशन के लिए 51 लाख से 1 करोड़ रूपए का खर्च आएंगा। इसके अलावा अकोला तथा वशिम में निर्माण किए जा रहे कार्यशाला पर 4 करोड़ का खर्च होगा।

डिपो में शामिल होने वाले इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए पांच स्थानों का चयन किया गया है। जिसमें अकोला, अकोट, वाशिम मंगरूलपीर तथा कारंजा डिपो का समावेश है। इसके अलावा बसों में आने वाले तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के लिए अकोला व वाशिम में कार्यशाला बनाई जायेगी। विभागीय नियंत्रक कार्यालय की ओर से इन दो स्थानों के अलावा कारंजा में कार्याशाला बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है जो विचाराधीन है।

रापनि विभाग द्वारा शामिल किए जा रहे इलेक्ट्रिक बसों की लंबाई के अनुसार चार्जिँग क्षमता के आधार पर उन्हें चलाया जायेगा। रापनि अधिकारियों के अनुसार डिपो को उपलब्ध होने वाले 12 मिटर की बस 280 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। जिसके बाद उसे चार्ज करना होगा। जबकि 9 मीटर की बस 180 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। इन बसों को चार्ज करने के लिए तकरीबन 3 से चार घंटे का समय लगेगा।

अकोला को 250 बसों की आवश्यकता

विभागीय नियंत्रक कार्यालय के अंतर्गत अकोला तथा वाशिम के 9 डिपो को शामिल किया गया है। इन डिपो से प्रतिदिन हजारों नागरिक आवागमन करते हैं। विभागीय कार्यालय की ओर से 250 बसों का प्रस्ताव मुख्य कार्यालय को भेजा गया है। डिपो निहाय 30 से 35 बसों की आवश्यकता है। इन बसों को चार्जिंग क्षमता के अनुसार संचालित किया जायेगा। जानकारी के अनुसार वर्ष 2027 तक चरणबध्द तरीके से आवश्यकता के अनुसार सभी बसे इलेक्ट्रिक पर चलेगी।

 

 

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