डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया दोनों बनेंगे कर्नाटक के मुख्यमंत्री! जानिए किस नेता ने सुझाया है 3 और 2 साल के सीएम का फार्मूला?

डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया दोनों बनेंगे कर्नाटक के मुख्यमंत्री! जानिए किस नेता ने सुझाया है 3 और 2 साल के सीएम का फार्मूला?
सीएम चेहरे के चुनाव को लेकर पशोपेश में आलाकमान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद अब सिद्धारमैया सीएम पद की रेस जीतते नजर आ रहे हैं। इससे पहले इस मुद्दे को लेकर 14 मई की शाम को बेंगलुरू की एक होटल में बैठक भी हुई, जिसमें पार्टी के सभी 135 नवनिर्वाचित विधायकों ने हिस्सा लिया। बैठक में कर्नाटक के नए सीएम का नाम तय करने के लिए विधायकों से वोटिंग कराई गई। सूत्रों के मुताबिक, सभी विधायकों ने अलग-अलग नामों पर अपनी मुहर लगाई। इन नामों में पूर्व सीएम सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार, जी परमेश्वर और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम शामिल हैं। इसी के साथ कुछ विधायकों ने इसका फैसला आलाकमान को सौंप दिया, लेकिन इस दौरान यह तय नहीं हो पाया कि कर्नाटक की गद्दी पर आखिर कौन बैठेगा। जिसके बाद बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसके मुताबिक विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार मल्लिकार्जुन खड़गे को दिया गया। इसके बाद से दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है।

बैठक के बाद कांग्रेस के पर्यवेक्षक भंवर जितेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि सभी विधायकों से राय ली गई है। हम रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन के सामने पेश करेंगे उसके बाद वही इस पर अंतिम फैसला लेंगे। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा वोट पाने वाले नेता का नाम गुप्त रखा जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यह वोटिंग केवल विधायकों की राय जानने के लिए कराई गई थी।

वहीं आलाकमान ने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को आज शाम तक दिल्ली आने को कहा है। दोनों से चर्चा के बाद 1 या दो दिन में सीएम फेस को लेकर फैसला किया जा सकता है। जिसके बाद 18 मई को नए सीएम और उनकी 30 सदस्यीय कैबिनेट के सदस्य शपथ ले सकते हैं।

सिद्धारमैया ने सुझाया सत्ता साझेदारी का फॉर्मुला

सूत्रों के अनुसार, सीएम चेहरे के चुनाव के बीच इस पद के प्रबल दावेदारों में से एक पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने आलाकमान को सत्ता साझेदारी का फॉर्मुला सुझाया है। जिसके मुताबिक कर्नाटक सीएम का पद 2 और 3 साल के लिए उन्हें और डीके शिवकुमार को सौंपा जाए। उन्होंने कहा, 'पांच साल के कार्यकाल में से पहले दो साल का कार्यकाल मुझे और बाकी के 3 साल का कार्यकाल डीके शिवकुमार को सौंपा जाए।' उन्होंने अपनी उम्र का तकाजा देते हुए कहा, 'क्योंकि वह उम्रदराज हैं इसलिए उन्हें कम से कम 2024 के लोकसभा चुनाव तक सरकार चलाने का मौका दिया जाए। उसके बाद डीके शिवकुमार यह जिम्मेदारी संभालें। हालांकि उनके इस प्रस्ताव को डीके शिवकुमार ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ का हवाला देते हुए खारिज कर दिया।

हाईकमान की बढ़ी टेंशन

कहा जा रहा है कि कर्नाटक सीएम के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही प्रबल दावेदार हैं। ऐसे में आलाकमान के सामने यह चुनौती होगी कि अगर डीके शिवकुमार को विधायक दल का नेता चुन लिया जाता है तो सिद्धारमैया को कैसे मनाया जाएगा। उन्हें संतुष्ट करने के लिए कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाए। वहीं अगर सिद्धारमैया को विधायक दल का नेता चुना जाता है तो डीके शिवकुमार कैसे मनाया जाए। अगर दोनों ही दावेदारों की तुलना की जाए तो सिद्धारमैया के मुकाबले डीके शिवकुमार का पक्ष ज्यादा मजबूत नजर आ रहा है। इसकी वजह यह है कि उन्होंने बीते 3 सालों में पार्टी को कर्नाटक में संगठनात्मक रूप से मजबूत करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। इस दौरान उनकी इमेज पार्टी के ताकतवर सिपाही के रूप में उभरी है। अगर उन्हें सीएम का पद नहीं सौंपा जाता तो इससे कैडर में गलत मैसेज जाएगा। ऐसे में पार्टी आलाकमान इन चुनौतियों से कैसे निपटता है ये देखने लायक होगा।

Created On :   15 May 2023 10:38 AM GMT

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