Kashmir Terror Attack: 'इसमें हिंदू-मुस्लिम एंगल की कोई जरुरुत नहीं..', पहलगाम हमले पर AIMIM नेता वारिस पठान का बड़ा बयान

- पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा
- वारिस पठान ने आतंकवादियों को बताया नपुंसक
- केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई करने की अपील की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के हिल स्टेशन पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। इस हमले से जिन लोगों ने अपनों को खोया, वो सदमे हैं। देश की जनता सरकार से मांग कर रही है कि दहशतगर्दों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई हो कि वो याद रखें। इस बीच ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है।
'आतंकवादी हैं नपुंसक'
उन्होंने आतंकवादियों को दरिंदे बताते हुए कहा, "पहलगाम में जो आतंकवादी हमला हुआ है, इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। इस आतंकवादी घटना के बारे में बोलने के लिए अल्फाज नहीं हैं। नपुंसक आतंकवादी आकर बेकसूर पर्यटक जो अपने परिवार के साथ वहां घूमने गए थे, उन पर गोलियां बरसा दीं। कभी किसी का नाम पूछकर, कभी किसी का धर्म पूछकर मारा। ये इंसान नहीं दरिंदे हैं।"
'मिले रूह कंपाने वाली सजा'
वारिस पठान ने आगे कहा, "इनको (आतंकवादियों) इतनी सख्त सजा मिलनी चाहिए कि दुनियाभर में जो आतंकवाद करते हैं उनकी रूह कांप उठे। हमारी सरकार से ये ही मांग है।" इसके साथ ही एआईएमआईएम प्रवक्ता ने कहा कि जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "वहां पर लोगों का कहना है कि 2000 से ज्यादा पर्यटक एक जगह पर मौजूद थे। कोई पुलिस वाला नहीं। एक महिला का वीडियो हमने देखा जिसमें वो रो रही है और कह रही है कि डेढ घंटे बाद ये आए, अगर पहले आते तो भाई की, हसबैंड की जान बच जाती। इंटेलीजेंस क्या कर रहा था?"
'एकजुट हों सियासी दल'
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एएनआई ने कहा कि ये समय ऐसा है कि सभी सियासी दल एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएं और एक होकर आतंकवाद के खात्मे के लिए निर्णय लें। तब हमारा देश सुरक्षित होगा। इसमें हिंदू-मुस्लिम एंगल की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ वायरल वीडियो में महिलाएं ये कह रही है कि उन्हें मुसलमानों ने बहुत सपोर्ट किया। एक मुसलमान घोड़ेवाले सैयद आदिल हुसैन की जान चली गई। कितने मुसलमान भाइयों ने हिंदु भाइयों की मदद की। ये हमारे देश की खूबसूरती है।
उन्होंने आगे कहा, "सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। डिप्लोमेटिक लेवल के ऊपर आपने अच्छे कदम उठाए हैं। हम कब तक रुकेंगे? कब तक हम ऐसे लाशों को देखते रहेंगे? जिन लोगों ने अपनों को खोया है हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। जो लोग अस्पतालों में घायल हैं, उनके लिए हमारी प्रार्थना है।"
Created On :   24 April 2025 8:26 PM IST