बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को लेकर विरासत की लड़ाई, बंटवारें के बाद स्थापना दिवस पर अपनी अपनी ताकत दिखाएंगी शिंदे और उद्धव गुट की शिवसेना

बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को लेकर विरासत की लड़ाई, बंटवारें के बाद स्थापना दिवस पर अपनी अपनी ताकत दिखाएंगी शिंदे और उद्धव गुट की शिवसेना
  • शिवसेना का स्थापना दिवस
  • बंटवारें के बाद दोनों गुटों के कार्यक्रम
  • बालासाहेब और उनकी विरासत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बालासाहेब ठाकरे की मूल शिवसेना का आज 19 जून स्थापना दिवस है। आपको बता दें एक साल हो चुके शिवसेना बंटवारे वाले गुटों में शिवसेना स्थापना दिवस मनाने को लेकर होड़ मची हुई है। शिवसेना उद्धव गुट और शिवसेना शिंदे गुट दोनों ही दल बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर अपना दावा जता रहे हैं। दोनों ही गुट शिवसेना स्थापना दिवस के अवसर पर अलग अलग प्रोग्राम आयोजित कर रही है। आयोजनों से दोनों गुट आगामी लोकसभा चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में फायदा उठाना चाहती है। स्थापना दिवस के मौके पर आयोजनों के पीछे की यही अहम वजह है कि दोनों ही पार्टियां अपने आप को असली शिवसेना और बाला साहेब ठाकरे की उत्तराधिकारी बताने की कोशिश में है।

बाला साहेब ठाकरे ने 19 जून 1996 को शिवसेना का गठन किया था। शिवसेना ने मराठी मानुष के सम्मान को अपनी राजनीति का आधार बनाया। अब पार्टी का बंटवारा हो चुका है। शिंदे शिवसेना उत्तर पश्चिमी मुंबई के गोरेगांव में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना सेंट्रल मुंबई के सिओन में कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

उद्धव ठाकरे स्थापना दिवस के मौके पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में कार्यक्रमों की जानकारी दी है, आदित्य ठाकरे और शिवसेना के वरिष्ठ नेता सुभाष देसाई कॉन्कलेव का उद्घाटन करेंगे। कॉन्कलेव को अंबादास दानवे और संजय राउत भी संबोधित करेंगे। इस दौरान उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना सरकार में हुए कामो की शॉर्ट मूवी दिखाई जाएगी। शिंद गुट वाली शिवसेना में पार्टी के स्थापना दिवस को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे का कहना है कि स्थापना दिवस के कार्यक्रम में प्रदेश भर से हमारे कार्यकर्ता शामिल होंगे।

आपको बता दें बीते साल जून में 39 विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे ने उद्धव सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। और शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर उद्धव ठाकरे को सरकार से बेदखल कर खुद सत्ता की कुर्सी पर बैठ गए। एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई और शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बनें। बाद में शिवसेना पार्टी और चुनाव चिह्न का मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचा, ईसी ने शिंदे नेतृत्व वाली शिवसेना को वास्तविक शिवसेना माना और पार्टी का चुनाव चिन्ह धनुष बाण शिंदे की पार्टी को देने का फैसला किया।

Created On :   19 Jun 2023 9:45 AM IST

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