भास्कर एक्सक्लूसिव: भारत के सिंधु जल समझौता पर रोक लगाने से पाकिस्तान पर कितना पड़ेगा असर, समझें एक क्लिक पर

- भारत ने पाकिस्तान जाने वाली पानी को रोका
- जल समझौते को युद्ध के दौरान भी नहीं किया गया रद्द
- भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता रद्द
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में मंगलवार शाम को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तानी की साजिश नजर आ रही है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से आतंकी साजिश को अंजाम दिया गया है। ऐसे में भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। जिसमें सिंधु जल समझौता शामिल है। इस फैसले से पाकिस्तान पानी के लिए तरस जाएगा।
पहलगाम आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में देश के लोग भारत सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे। बुधवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक खत्म हुई। जिसमें 1960 में हुई सिंधु जल समझौते को रद्द कर दिया गया। ऐसे में समझते हैं कि सिंधु जल संधि क्या है, जिसे रद्द करने से कैसे पाकिस्तान प्यासा मर सकता है।
जानें सिंधु जल संधि के बारे में
साल 1947 के बाद पाकिस्तान को भारत के पानी की जरूरत पड़ने लगी। इसके बाद साल 1960 में दोनों देश के बीच सिंधु जल संधि समझौता हुआ। 19 सितंबर, 1960 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ। इसके जरिए भारत से बहने वाली छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी का इस्तेमाल नियम के तहत तय किया गया।
इस समझौते के तहत तीन पश्चिमी नदियों चिनाब, झेलम और सिंधु का पूरा पानी पाकिस्तान को मिलने लगा। वहीं, भारत को सतलुज, व्यास और रावी नदियों का पानी मिलने लगा।
आजादी के बाद दोनों देश के बीच कई बार जंग देखने को मिली। लेकिन इस दौरान कभी भी भारत ने इस समझौते को नहीं तोड़ा। जिसके चलते जंग के दौरान भी पाकिस्तान को पानी मिलती रही। बता दें कि, भारत में इस जल संधि को तोड़ने की मांग की जा रही थी। हालांकि, भारत ने आखिरकार बुधवार को इस मामले पर बड़ा फैसला लिया।
पाकिस्तान को कितना नुकसान
गौरतलब है कि, विश्व बैंक की लंबी मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता हुआ। इस समझौते के तहत 1 अप्रैल 1948 को भारत ने दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया था, जिससे पाकिस्तानी पंजाब की 17 लाख एकड़ जमीन पानी को तरस गई थी।
अब भारत के इस फैसले पाकिस्तान को एक बार फिर पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान का पंजाब और सिंध प्रांत पानी के लिए पूरी तरह से चिनाब, झेलम और सिंधु जैसी नदियों पर नर्भर रहता है।
Created On :   23 April 2025 11:56 PM IST