लोकसभा चुनाव महाराष्ट्र: एमवीए में नहीं सुलझ रहा है सीट शेयरिंग का पेंच, आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द
- महाविकास अघाड़ी में उलझा पेंच
- सीट शेयरिंग पर नहीं बन रही है सहमति
- आज होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में सीट शेयरिंग का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। गठबंधन में शामिल शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है। इस वजह से तीनों पार्टियों की आज होने वाली ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया गया है। महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों पार्टियों के बीच कई सीटों को लेकर मतभेद है जिसे सुलझाने में पार्टी के शीर्ष नेताओं को अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। हालांकि, उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के 17 लोकसभा सीटों के लिए पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुके हैं। इस पर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश नेता संजय निरुपम ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी।
इन सीटों पर मतभेद
महाविकास अघाड़ी में सांगली, दक्षिण मध्य मुंबई और भिवंडी जैसे लोकसभा सीटों पर पेंच फंसी हुई है। कांग्रेस सांगली और दक्षिण मध्य मुंबई पर दावेदारी ठोक रही है जबकि शिवसेना ने दोनों सीटों पर पहली सूची में उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। उद्धव नीत शिवसेना ने दक्षिण मध्य मुंबई से अनिल देसाई वहीं सांगली से चंद्रहार पाटील को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा शरद पवार भिवंडी सीट पर दावा कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो शरद पवार की पार्टी आज अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकते हैं। आज ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तीनों पार्टियां महाराष्ट्र के सभी 48 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने वाली थी लेकिन, सहमति नहीं बनने के कारण पीसी रद्द कर दिया गया है।
नाराज संजय निरुपम ने पार्टी के खिलाफ खोला था मोर्चा
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने कुछ समय पहले अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। पार्टी ने 17 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था, जिसके बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम काफी नाराज हो गए थे। सीट शेयरिंग को लेकर संजय निरुपम ने शिवसेना यूबीटी के साथ-साथ अपनी पार्टी को भी निशाने पर लिया था। पार्टी को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा था, "कांग्रेस नेतृत्व ने कई दिनों से मुझसे बात तक नही की। मुझसे पूछा तक नहीं गया। कांग्रेस देश मे न्याय की बात करती है लेकिन अपने लोगों पर ही ध्यान नहीं देती है। मैं अपने क्षेत्र में कई सालों से काम कर रहा हूं। लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने संज्ञान नहीं लिया और शिवसेना के सामने झुक गई। मैं अपने नेतृत्व को 1 हफ्ते का समय देता हूं, अगर फैसला नहीं लिया जाता है तो हफ्ते भर के अंदर मैं अपना स्वतंत्र निर्णय लूंगा और लड़ाई अब आर-पार की होगी। जिस तरह से कांग्रेस की सीटों को छीना गया है और कांग्रेस के लोग अलग हुए इसमें शिवसेना (यूबीटी) का छुपा मकसद कांग्रेस को खत्म करना हो सकता है।"
बहुजन अघाड़ी ने छोड़ा था एमवीए का साथ
सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने के कारण बीते दिनों प्रकाश आंबेडकर ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) का साथ छोड़ दिया था। उनकी पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। प्रकाश आंबेडकर की पार्टी सात सीटों की मांग कर रही थी। लेकिन महाविकास अघाड़ी पार्टी को केवल चार सीट ही दे रही थी। इसलिए आखिर में बात नहीं बनने के बाद प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी ने अपना रास्ता अलग कर लिया।
Created On :   3 April 2024 8:34 AM GMT