Chhindwara News: सात दिन में तीन फैसले... मासूमों को मिला न्याय, आरोपियों को मरते दम तक की जेल, पॉक्सो एक्ट की धाराओं में न्यायालय ने सुनाई सजा

सात दिन में तीन फैसले... मासूमों को मिला न्याय, आरोपियों को मरते दम तक की जेल, पॉक्सो एक्ट की धाराओं में न्यायालय ने सुनाई सजा
  • यौन अत्याचार के तीन मामलों में कोर्ट ने सुनाएं ऐतिहासिक फैसले
  • मासूमों को मिला न्याय
  • पॉक्सो एक्ट की धाराओं में सुनाई सजा

Chhindwara News। बच्चों पर यौन अत्याचार के तीन सनसनीखेज प्रकरणों में न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसले सुनाएं है। अबोध बालिकाओं पर क्रूरता करने वाले अपराधियों को न्यायाधीश ने न सिर्फ दोषी माना है बल्कि मरते दम तक जेल में रहने की सजा भी सुनाई है। यह फैसले समाज में घूम रहे विकृत मानसिकता के अपराधियों के लिए सबक साबित होंगे।

पुलिस ने बाल अपराध से जुड़े चिन्हित व सनसनीखेज मामलों की समय पर जांच पूरी कर प्रकरण को न्यायालय में पेश किया था। पिछले सात दिनों में जुन्नारदेव न्यायालय ने इन अपराधों में से तीन प्रकरणों में सजाएं सुनाई है। न्यायाधीश ने इन तीनों ही प्रकरणों के आरोपियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा से दंडित किया है।

पहला मामला-

6 नवम्बर को अपर सत्र न्यायालय जुन्नारदेव द्वारा आरोपी को दोषी करार दिया गया है। न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि माहुलझिर थाना क्षेत्र में बीती 3 जून 2024 को आठ साल की बच्ची का अपहरण कर आरोपी संजू ने उसके साथ दुराचार किया था। इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।

दूसरा मामला-

7 नवम्बर को अपर सत्र न्यायाधीश महेन्द्र मंगोदिया ने आरोपी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि जुन्नारदेव थाना क्षेत्र में 18 वर्षीय सोनू ने अपनी रिश्तेदार आठ साल की बच्ची से दुराचार किया था और बच्ची की हत्या कर शव छिपा दिया था। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी कर प्रकरण न्यायालय में पेश किया था। न्यायाधीश ने आरोपी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा से दंडित किया है।

तीसरा मामला-

13 नवम्बर को न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल तक) की सजा से दंडित किया है। गौरतलब है कि 20 फरवरी 24 को दमुआ थाना क्षेत्र की चार वर्षीय बच्ची से रिश्तेे के मामा राम ङ्क्षसह पंद्राम ने अकेली पाकर उसके साथ दुराचार किया था। इस मामले में न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने आरोपी को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

पुलिस के साथ अभियोजन अधिकारी की विशेष भूमिका-

ऐसे अपराधों को चिन्हित व जघन्य मानकर अपराधियों की गिरफ्तारी करने और न्यायालय में चालान पेश करने में पुलिस की अहम भूमिका रही। इसी के साथ अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने में महिला अभियोजन अधिकारी गंगावती डहेरिया की भी अहम भूमिका रही। तीनों प्रकरणों में गंगावती डहेरिया द्वारा प्रभावी ढंग से न्यायालय के सामने पीडि़तों का पक्ष रखा।

क्या कहते हैं अधिकारी-

जघन्य अपराधियों की धरपकड़ कर सख्त सजा दिलाने पुलिस और अभियोजन कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बाल व महिला संबंधी अपराध के प्रति लोगों को जागरुक करने पुलिस लगातार अभियान चला रही है - मनीष खत्री, एसपी

Created On :   14 Nov 2024 6:37 PM GMT

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