Tokyo Olympic 2020: मीराबाई चानू ने भारत को दिलाया पहला मेडल, वेटलिफ्टिंग में जीता सिल्वर मेडल

Tokyo Olympic 2020: मीराबाई चानू ने भारत को दिलाया पहला मेडल, वेटलिफ्टिंग में जीता सिल्वर मेडल
हाईलाइट
  • चीन की जीहोई होउ ने जीता स्वर्ण पदक
  • भारत को पहला पदक
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी ने दी बधाई

डिजिटल डेस्क, टोक्यो। भारत की ओर से टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics 2020) में वेटलिफ्टिंग- मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने सिल्वर मेडल जीत लिया है। मीराबाई ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्नैच में 87 किलोग्राम भार उठाया। वहीं क्लीन एंड जर्क में मीराबाई चानू  ने 115 किलोग्राम का भार उठाकर भारत के लिए मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की। इस तरह वह भारत की ओर से वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं।मीराबाई ने 202 के कुल वजन के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। क्लीन एंड जर्क के आखिरी प्रयास में मीराबाई ने 117 किलोग्राम का भार उठाने की कोशिश की थी, लेकिन वे सफल नहीं हो सकीं। हालांकि उनके इस प्रयास ने सिल्वर मेडल दिलाकर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।


मीराबाई चानू की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। चानू के पदक जीतते ही राष्ट्रपति ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा, भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए पदक तालिका की शुरूआत करने के लिए मीराबाई चानू को हार्दिक बधाई।

वहीं प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, इससे सुखद शुरूआत के लिए आशा नहीं की जा सकती थी। भारत उत्साहित है। मीराबाई का शानदार प्रदर्शन। भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है।

इसके अलावा केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मीराबाई को बधाई दी है। बता दें कि, मीराबाई चानू ने टोक्यो के लिए उड़ान भरने से पहले ही दावा कर दिया था कि वह इस बार खाली हाथ नहीं लौंटेगी और उन्होनें अपना यह वादा पूरा भी किया।  

मीराबाई भरोत्तोलन में पदक जीतने वाली भारत की दूसरी महिला हैं। इससे पहले 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था। इस स्पर्धा का स्वर्ण चीन की जीहोई होउ ने जीता है। 

मीराबाई चानू - वजन उठाने में बचपन से ही एक्सपर्ट
मीराबाई चानू बचपन से अपने पिता के साथ जंगल में लकड़ियां बीनने का काम करती  थीं। उन्हें क्या पता था कि बचपन में घर चलाने के लिए जो काम कर रही हैं वही काम उनकी तकदीर का सितारा चमका देगा। चानू के नन्हें हाथ तो तब से ही मजबूत थे जब से वो लकड़ी का भारी गट्ठर उठा कर घर तक लाती थीं। वही ट्रेनिंग अब खेल के मैदान में काम आई। जहां इंफाल के गांव नोंगपोक ककचिंग की चानू अपना ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन करने का माद्दा रखती हैं।

मीराबाई चानू के बड़े भाई ने बहन को वजन उठाते हुए देखा तो उसे वेटलिफ्टर बनाने की ठान ली। फिर शुरू हो गई इम्फाल स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग। भारत को अपने इस वेट लिफ्टर से ओलिंपिक खेलों के दूसरे दिन एक मेडल की उम्मीद थी और चानू सिल्वर पदक जीत कर उन उम्मीद पर खरा उतरने में सफल भी रही।

 

 

 

 

 

 

 

Created On :   24 July 2021 11:03 AM IST

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