उच्च स्तर दिखाने के लिए टूर्नामेंट जीतना जरूरी था
- जोड़ी आने वाले दिनों में फ्रेंच ओपन और जर्मन ओपन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए यूरोप जाएगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ध्रुव कपिला और एमआर अर्जुन की भारत की पुरुष युगल जोड़ी, ने पिछले हफ्ते भारत अंतर्राष्ट्रीय चुनौती जीती थी, उनको उनके गुरु पुलेला गोपीचंद और डेनिश कोच माथियास बो ने खिताब जीतने के लिए प्रेरित किया था।
इस जोड़ी को उनके कोचों का मजबूत समर्थन प्राप्त था जिन्होंने उन्हें जीतने के लिए प्रेरित किया और उन्हें इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
ध्रुव ने कहा, टूर्नामेंट की शुरूआत से ही हमारी योजना थी। गोपी सर और माथियास ने हमें बताया था कि हमें यह दिखाने के लिए टूर्नामेंट जीतना होगा कि हम उच्च स्तर पर हैं। और हमने यह साबित किया। फाइनल थाईलैंड की जोड़ी के खिलाफ एक कठिन मैच था।
उन्होंने आगे कहा, उन्होंने इस साल की शुरूआत में कुछ बेहतरीन मैच खेले और टूर्नामेंट के दौरान भी लगातार बने रहे। लेकिन हमने उस चुनौती को स्वीकार किया और हमने अच्छी तैयारी की। हम जानते थे कि वे महत्वपूर्ण क्षण में संकोच करेंगे और हमने इसका फायदा उठाया।
टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन के बारे में बताते हुए ध्रुव ने कहा, मलेशियाई जोड़ी के साथ मैच मुश्किल था, क्योंकि हम जानते थे कि वे वास्तव में मजबूत थे और उन्होंने कुछ अच्छा बैडमिंटन खेला था, लेकिन हम इसके लिए तैयार थे। हमने 21-15 और 23-21 से जीत दर्ज की।
22 वर्षीय ध्रुव कपिला 2019 दक्षिण एशियाई खेलों में पुरुष युगल, मिश्रित डबल और पुरुष टीम में तीन स्वर्ण पदक जीतकर अपने शानदार प्रदर्शन के बाद सुर्खियों में आए थे। वह उस भारतीय टीम का भी हिस्सा थे, जिसने भारत के लिए पहली बार थॉमस कप जीतकर इतिहास रचा था।
ध्रुव अब इस गति को जारी रखने के लिए प्रेरित है क्योंकि यह जोड़ी आने वाले दिनों में फ्रेंच ओपन और जर्मन ओपन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए यूरोप जाएगी।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   27 Sept 2022 5:00 PM GMT