एशियन गेम्स 2018 : पहलवान बजरंग पूनिया ने अटल जी को समर्पित किया अपना गोल्ड मेडल
- भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने इतिहास रच दिया है।
- उन्होंने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीत लिया है।
- पदक तालिका में भारत छठे स्थान पर काबिज है।
डिजिटल डेस्क, जकार्ता। भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम रेसलिंग में जापान के दायची ताकातानी को 11-8 से हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया है। यह भारत का इस एशियन गेम्स में पहला गोल्ड है। इससे पहले साउथ कोरिया के इचियन में आयोजित हुए 2013 एशियन गेम्स में भी पूनिया ने ईरान के मसूद इस्माइल पुरजोयबरी से 1-3 से हराकर पुरुषों की फ्रीस्टाइल 61 किग्रा वर्ग में सिल्वर मेडल हासिल किया था।
पूनिया के इस गोल्ड की मदद से भारत पदक तालिका में छठे स्थान पर पहुंच गया है। वहीं चीन 16 मेडल्स के साथ पहले स्थान पर बना हुआ है। गोल्ड मेडल जीतने के बाद बजरंग पूनिया ने एक ट्वीट किया है। उस ट्वीट में उन्होंने लिखा, "एशियन गेम्स का गोल्ड मैडल मैं स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित करता हूँ। नमन।" वहीं भारतीय प्रधानमंत्री ने भी ट्वीट कर बजरंग को बधाई दी। उन्होंने भविष्य के लिए बजरंग को शुभकामनाएं भी दी है।
#AsianGames का गोल्ड मैडल मैं स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित करता हूँ । नमन pic.twitter.com/E28fQcKx2g
— Bajrang Punia (@BajrangPunia) August 19, 2018
Congratulations @BajrangPunia for the memorable victory in the 65 kg freestyle wrestling. This win is even more special because it is India"s first Gold in the @asiangames2018. Best wishes for your future endeavours. #AsianGames2018
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2018
राउंड ऑफ 16 में बजरंग ने उज्बेकिस्तान के खासानोव को 13-3 से हराकर क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया था। इसके बाद सुपर-8 में उन्होंने तजाकिस्तान के फैजिएव को 12-2 से बड़ी मात दी। अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीतने वाले पूनिया ने इसके बाद सेमीफाइनल में मंगोलिया के बतमगनई बतचुलू को पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम रेसलिंग में 10-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था।
बजरंग ने अपने करियर के पहले अहम टूर्नामेंट में भी शानदार प्रदर्शन किया था। 2013 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत के बजरंग ने सेमीफाइनल मुकाबले में दक्षिण कोरिया के हांग रईंग-हाक को 3-1 से हराकर फ्रीस्टाइल 60 किलो वर्ग में ब्रोन्ज मेडल जीता था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा। 2017 में दिल्ली में आयोजित हुई एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था। वहीं 2018 में ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने पुरुषों की फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता था।
बता दें कि पूनिया का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के खुदान गांव में हुआ है। उन्होंने सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू कर दी थी। बचपन से ही उनके पिता ने कुश्ती खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। बजरंग के परिवार ने 2015 में उन्हें स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भर्ती करवा दिया था। इसके लिए वह सोनीपत चले गए। बजरंग ने भारतीय रेलवे में ट्रैवलिंग टिकट परीक्षक (टीटीई) के रूप में भी काम किया है।
Created On :   19 Aug 2018 8:23 PM IST