मध्य प्रदेश: 'वक्फ कानून वक्फ बोर्ड को खत्म कर रहा...', ओवैसी ने फिर दी अपनी प्रतिक्रिया, 7 दिन में केंद्र सरकार को भी SC को देना है जवाब

वक्फ कानून वक्फ बोर्ड को खत्म कर रहा..., ओवैसी ने फिर दी अपनी प्रतिक्रिया, 7 दिन में केंद्र सरकार को भी SC को देना है जवाब
  • ओवैसी ने वक्फ को लेकर फिर दी प्रतिक्रिया
  • कहा- वक्फ कानून वक्फ बोर्ड को खत्म कर रहा
  • 7 दिन में केंद्र सरकार को भी SC को देना है जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट की सुनवाई पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है। हमारी पार्टी का यह रूख रहा है कि यह पूरा काला कानून है। यह असंवैधानिक है। हम आज के अंतरिम आदेश को सावधानी से देख रहे हैं क्योंकि इस कानून में 45-48 संशोधन हैं। इस कानून में कई प्रावधान हैं जो वक्फ बोर्ड को खत्म कर रहे हैं। इसके खिलाफ हमारी कानूनी लड़ाई और विरोध जारी रहेगा। यह कानून वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि इसे बर्बाद करने के लिए लाया गया है।

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि वक्फ से जुड़े माननीय उच्चतम न्यायालय के अंतरिम राहत के आदेश पर मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। वक्फ कानूनों में जो संविधान विरोधी संशोधन किए गए थे, उच्चतम न्यायालय ने उसके कई बिंदुओं पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। JPC और संसद में दिए गए विपक्ष के सांसदों के सुझाव नकार दिए गए थे। इसी को लेकर कुछ याचिकाकर्ता उच्चतम न्यायालय गए थे। हमें पूरी उम्मीद है कि अगली सुनवाई में हमें और राहत मिलेगी, क्योंकि ये संविधान के मूल पर हमला था। इसलिए ये फैसला संविधान की जीत है। कांग्रेस पार्टी ने संविधान को बनाने और बचाने की पूरी जिम्मेदारी हमेशा उठाई है और हमेशा उठाएगी।

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (17 अप्रैल) को लगातार दूसरे दिन सुनवाई की। इस दौरान तीखे सवाल जवाब हुए। वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार (17 अप्रैल) को लगातार दूसरे दिन सुनवाई जारी रही। इस दौरान अदालत ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है। साथ ही, यह भी कहा कि अगले आदेश तक वक्फ बोर्ड में नई नियुक्तियां नहीं होंगी। आपको बता दें कि, वक्फ कानून को असंवैधानिक कहने वाली याचिकाओं पर कोर्ट में कल (16 अप्रैल) भी सुनवाई हुई थी। इस दौरान तीखे सवाल जवाब हुए। वहीं, अदालत ने आगे की सुनवाई के लिए आज का समय दिया था।

'7 दिन में दें जवाब'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सुनवाई के दौरान एसजी मेहता ने कहा कि प्रतिवादी 7 दिनों के भीतर एक संक्षिप्त जवाब दाखिल करना चाहते हैं और आश्वासन दिया कि अगली तारीख तक 2025 अधिनियम के तहत बोर्ड और परिषदों में कोई नियुक्ति नहीं होगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अधिसूचना या राजपत्रित द्वारा पहले से घोषित यूजर्स द्वारा वक्फ सहित वक्फों की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। जवाब 7 दिनों के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। उस पर जवाब सेवा के 5 दिनों के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए।

कानून पर रोक लगाना ठीक नहीं- SG

सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि मैं बहुत सम्मान के साथ कुछ कहना चाहता हूं। आप एक ऐसा कानून रोकने जा रहे हैं जिसे संसद ने पास किया है। मैं देश के सॉलिसिटर जनरल के तौर पर बहुत जिम्मेदारी से ये बात कह रहा हूं। मैंने कोर्ट की बातों पर ध्यान दिया है, लेकिन सिर्फ कुछ सेक्शन देखकर पूरे कानून पर रोक लगाना सही नहीं होगा।

Created On :   17 April 2025 11:15 PM IST

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