लोकसभा चुनाव 2024: 'इंडिया' की ये पांच रणनीति पड़ी मोदी मैजिक पर भारी, जानिए कैसे फीका पड़ता चला गया बीजेपी का जादू?
- लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना जारी
- इंडिया गठबंधन ने किया शानदार प्रदर्शन
- ये पांच रणनीति पड़ी मोदी मैजिक पर भारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना जारी है। सुबह करीब आठ बजे से शुरू हुई काउंटिंग में दोपहर तक लगातार अलग-अलग रुझान सामने आ रहे हैं। इस दौरान एनडीए गठबंधन लगातार बढ़त बनाए हुए है। हालांकि, इंडिया गठबंधन भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करता हुआ दिखाई दे रहा है। इंडिया गठबंधन फिलहाल लगभग 200 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। जबकि 400 के आंकड़े को पार करने का दावा करने वाला एनडीए 300 से भी कम सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है। आइए जानते हैं लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की कौन कौन सी स्ट्रैटजी एनडीए पर भारी पड़ी-
लोकल मुद्दों पर फोकस
इंडिया गठबंधन ने इस लोकसभा चुनाव में लगातार लोकल मुद्दों पर ध्यान दिया। गठबंधन में शामिल हर एक पार्टी के नेताओं ने अपनी रैलियों में उस क्षेत्र की समस्याओं पर बात की। देश की समस्याओं पर भी बात करते हुए गठबंधन ने बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, पेपर लीक और अग्निवीर जैसे मुद्दों पर फोकस किया।
हिंदुत्व को टक्कर देने की कोशिश नहीं
भाजपा सहित एनडीए गठबंधन हर चुनाव में हिंदुत्व पर काफी ज्यादा फोकस करता है। इसके चलते पिछले चुनावों में विपक्षी पार्टियों ने भी हिंदुत्व के मुद्दे उठाए थे। तमाम विपक्षी नेताओं ने भी मंदिरों का रुख किया था। लेकिन उसका फायदा होने की जगह उन्हें नुकसान ही हुआ। लेकिन इस बार इंडिया गठबंधन के नेताओं ने विपक्षी गठबंधन के मुद्दों पर टारगेट करने के बजाए अन्य अहम मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
राम मंदिर का जादू नहीं चला
इस आम चुनाव से पहले देश में सबसे बड़ा मुद्दा अयोध्या का श्रीराम जन्मभूमि मंदिर था। इसका सबसे बड़ा फायदा भाजपा और एनडीए गठबंधन को पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन चुनावी नतीजों में राम मंदिर का जादू बिल्कुल भी नहीं दिखा। जहां समाजवादी पार्टी भाजपा पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। राम मंदिर लोगों के लिए राजनैतिक से ज्यादा आस्था का मुद्दा साबित हुआ। आचार संहिता लगते ही बीजेपी खुद इस राम मंदिर के मुद्दे को भुना नहीं सकी, उल्टे ये कहना पड़ा कि राम मंदिर उनके लिए भी राजनैतिक मुद्दा नहीं है। जिसके चलते बीजेपी खुद राम मंदिर के उद्घाटन से ज्यादा फायदा हासिल करती नजर नहीं आ रही है।
इंडिया गठबंधन की एकता
लोकसभा चुनावों से पहले देशभर की अलग-अलग पार्टियों ने आपस में जुड़कर इंडिया गठबंधन बनाया था। जहां कांग्रेस का विरोध करने वाली पार्टियों ने उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस दौरान सभी पार्टियों में शानदार तालमेल देखने को मिला। जिसका फायदा चुनावी नतीजों में दिखाई दे रहा है। कुछ जगह थोड़ी उठापटक जरूर दिखी। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार ने ऐनवक्त पर साथ छोड़ा। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने भी अकेले ही लड़ने का फैसला किया। लेकिन अखिलेश यादव, तेजस्वी याद और साउथ के कुछ दल कांग्रेस के साथ गठबंधन में बंधे रहे। महाराष्ट्र में भी महा विकास अघाड़ी का साथ रंग लाया।
सोच समझ कर सीटों का बंटवारा
पिछले चुनावों से विपरीत इस चुनाव में विपक्षी गठबंधन ने अच्छी स्ट्रैटजी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया। जहां गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने क्षेत्रियों पार्टियों के साथ तालमेल बनाते हुए हर सीट पर उचित उम्मीदवार को उतारा। पार्टियों ने किसी भी सीट को अपना इगो नहीं बनाया। थोड़े मनमुटाव जरूर दिखाई दिए लेकिन उसके बाद सीट बंटवारे में सभी पार्टियों ने एकमत होकर टिकट बंटवारा किया।
Created On :   4 Jun 2024 2:35 PM IST