कानून- व्यवस्था पर चर्चा: नशा तस्करों, भूमाफियाओं पर करें कड़ी कार्रवाई, यूपी में होगा सबसे अच्छा लिफ्ट एक्ट : मुख्यमंत्री योगी
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रेटर नोएडा पहुंचे
- एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में हुए शामिल
- पूरे मेरठ मंडल में विकास कार्यों की समीक्षा की
डिजिटल डेस्क, ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा पहुंचे। वह पहले शहर के एक निजी विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में शामिल हुए। इसके बाद राज्य सरकार की गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी (जीबीयू) पहुंचे। उन्होंने पूरे मेरठ मंडल में विकास कार्यों की समीक्षा की। साथ ही कानून- व्यवस्था पर विस्तार से जानकारी हासिल की।
मुख्यमंत्री के सामने मेरठ की मंडलायुक्त सेलवा कुमारी जे, गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह और विकास प्राधिकरणों ने प्रजेंटेशन दिए। इस दौरान सीएम योगी ने कहा, "नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई करें। नशा तस्कर आने वाली पीढ़ी बर्बाद कर रहे हैं। नशे का अवैध कारोबार करने वालों को किसी भी सूरत में बख़्शना नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "अवैध अतिक्रमण नासूर बनता जा रहा है। भूमाफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की ज़रूरत है।" विकास कार्यों की धीमी रफ़्तार पर मुख्यमंत्री ने नाराज़गी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा, "फाइलों में उलझने की ज़रूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने पुलिस-प्रशासन और विकास प्राधिकरणों को संयुक्त रूप से मिलकर नशा तस्करी के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, "नशा तस्कर आने वाली पीढ़ी को बर्बाद कर रहे हैं। इससे क़ानून व्यवस्था को भी बड़ा ख़तरा है। नशा तस्करी किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए। नशे का अवैध कारोबार करने वालों के ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरुरत है। इसके लिए सारे विभाग मिलकर एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करें। एक्शन प्लान बनाकर नशा तस्करों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करें।" मुख्यमंत्री ने ख़ास तौर से पुलिस विभाग को नशा तस्करों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने लिफ्ट मुद्दे पर बोला कि यूपी में सबसे अच्छा लिफ्ट एक्ट बनेगा। समीक्षा बैठक के दौरान लिफ़्ट एक्ट का मुद्दा भी उठाया गया। गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने लगातार हो रहे हादसों की तरफ़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकर्षित किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, "बीते विधानसभा सत्र में लिफ़्ट एक्ट को पास करवाया जाना था, लेकिन उसमें कुछ कमियां थी। मैंने संबंधित विभागों से प्रजेंटेशन देने के लिए कहा था। अब, कमियों को दूर करने का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश का लिफ़्ट एक्ट सबसे अच्छा क़ानून बनेगा। हम लिफ़्ट एक्ट अगले विधानसभा सत्र में ज़रूर पास कराएंगे।
मुख्यमंत्री ने नए क़ानून आने तक लिफ़्ट से जुड़े हादसों पर नियंत्रण करने का आदेश विकास प्राधिकरणों को दिया है। साथ ही फ़ायर सेफ़्टी डिपार्टमेंट और पुलिस को भी लिफ़्ट मेंटेनेंस से जुड़े मसलों पर सतर्क रहने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने अपनी बैठक में अधिकारियों को साफ तौर पर ये निर्देश दिए हैं कि अधिकारी को फाइलों में अटकने और भटकने की ज़रूरत नहीं है। फाइलों के मकड़जाल से बाहर निकलने की ज़रूरत है। अधिकारी विकास योजनाओं के बारे में ख़ुद अध्ययन करें और अपने दिमाग़ का इस्तेमाल करके योजनाओं को आगे बढ़ाएं। सामान्य रूप से देखा जा रहा है कि विजिबिलिटी रिपोर्ट, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, फाइनेंसियल रिपोर्ट, बेड डॉक्यूमेंट टेंडर और तमाम दूसरी प्रक्रियाओं में विकास योजनाएं उलझ कर रह जा रही हैं। किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने में साल, दो साल लगते हैं, प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने से पहले ही लंबा समय इन औपचारिकताओं को पूरा करने में निकल रहा है।
मुख्यमंत्री ने ख़ास तौर से गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को यह व्यवस्था बदलने की हिदायत दी है। मुख्यमंत्री ने बिल्डर-बायर विवाद तेज़ी से सुलझाने की बात भी की है। मुख्यमंत्री ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी से मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी मांगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीनों प्राधिकरणों को आदेश दिया है कि बिल्डरों और खरीदारों के विवादों को तेज़ी से सुलझाया जाए। क़ानूनी प्रक्रियाओं में मसलों को उलझाने की आवश्यकता नहीं है। उन रास्तों पर काम किया जाए, जिससे समस्याएं सुलझ सके। खरीददार परेशान हैं और लगातार सरकार से संपर्क कर रहे हैं। सरकार समस्याओं को सुलझाने के लिए लगातार प्राधिकरणों को आदेश दे रही है, लेकिन समाधान नहीं निकल पा रहा है। इससे आम आदमी में नाराज़गी बढ़ती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि अतिक्रमण और भूमाफ़िया, विकास योजनाओं की राह का सबसे बड़ा रोड़ा हैं। जिन क्षेत्रों में नई विकास योजनाओं की घोषणा होती है, वहां काम शुरू होने से पहले ही बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण कर लिया जाता है। भूमाफ़िया क़िस्म के लोग विकास योजनाओं की राह में रोड़ा बनकर खड़े हो जाते हैं। ज़िम्मेदार अफ़सर अवैध अतिक्रमण पर ध्यान नहीं देते हैं। जिसकी वजह से बाद में नुक़सान उठाना पड़ता है। विकास योजना लटक जाती है और बड़ी संख्या में मुक़दमे शुरू हो जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने अवैध अतिक्रमण पर कड़ाई से नियंत्रण करने का आदेश सभी विकास प्राधिकरणों, पुलिस और प्रशासन को दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमाफ़िया के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाए। भूमाफ़िया पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
योगी आदित्यनाथ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में होने वाले अपराधों के प्रति बेहद संवेदनशील नज़र आए। मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नर और तीनों विकास प्राधिकरणों को हिदायत दी है कि गौतमबुद्ध नगर में क्राइम नहीं होना चाहिए। गौतमबुद्ध नगर अंतरराष्ट्रीय शहर है। यहां होने वाला छोटे से छोटा अपराध पूरी दुनिया की नज़रों में बहुत जल्दी आ जाता है। गौतमबुद्ध नगर में मीडिया हब है, हर ख़बर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाई देती है।
उन्होंने आगे कहा कि नोएडा में रहने वाले लोग पढ़े लिखे हैं और सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय हैं। अगर किसी को परेशानी होती है तो वह अपनी बात खुलकर सोशल मीडिया पर कहता है। लिहाज़ा यहां होने वाले अपराध रोकने की आवश्यकता है। आम आदमी की परेशानी को संवेदनशीलता से सुलझाने की ज़रूरत है।
आईएएनएस
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Created On :   8 Dec 2023 6:41 PM IST