इंदौर सीट पर माहौल गर्म: कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन वापसी पर सुमित्रा महाजन ने जताई हैरानी, NOTA पर वोट डालने की छिड़ी है जंग!
- हाल में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम बीजेपी में हुए शामिल
- अब सुमित्रा महाजन ने जताया विरोध प्रदर्शन
- पहली बार इंदौर सीट पर कांग्रेस ने खोया अपना प्रत्याशी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। हाल ही में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नामांकन वापस ले लिया था। इस मामले में इंदौर सीट से छह बार की सांसद रही चुकीं सुमित्रा महाजन की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने मीडिया इंटरव्यू में बताया कि इंदौर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के ओर से नामांकन वापसी करना काफी आश्चर्यचकित करने वाला है। सुमित्रा महाजन ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। इस घटनाक्रम की कोई आवश्यकता नहीं थी। क्योंकि, दीवारर पर साफ लिखा है कि इंदौर में बीजेपी को कोई भी नहीं हरा सकता है। पूर्व लोकसभा स्पीकर और बीजेपी नेता सुमित्रा महाजन ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार बम को ऐसा नहीं करना चाहिए था। ऐसा करके उन्होंने अपनी पार्टी को धोखा दिया है।
महाजन ने कहा कि इंदौर सीट पर हुई इस घटनाक्रम के बाद कुछ पढ़े-लिखे लोगों ने उन्हें फोन करके नाराजगी जताई। फोन करने वालों ने महाजन से कहा कि अब वे ईवीएम के नोटा (NOTA) बटन का इस्तेमाल करेंगे। लोगों ने महाजन से कहा कि इंदौर सीट पर जो बीजेपी ने किया है वह जनता को अच्छा नहीं लगा है। महाजन ने कहा कि उन्होंने लोगों को समझाया कि इस प्रकरण में बीजेपी को किसी भी तरह से योगदान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी अपनी मूल विचारधारा पर अडिग है। हमारे उम्मीदवार शंकर लालवानी मैदान में हैं। इसलिए वहां की जनता को नोटा की बजाय बीजेपी को वोट देना चाहिए। महाजन ने बताया कि उन्हें बम के कांग्रेस को झटका देकर बीजेपी में आने के घटनाक्रम के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं थी।
गौरतलब है कि 29 अप्रैल को अक्षय बम इंदौर सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया। बम कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में इंदौर सीट से अपना नामांकन पर्चा भरा था। लेकिन उन्होंने नामांकन वापस लेकर पार्टी की उम्मीद को तोड़ दिया।
महाजन के राज में बना बीजेपी का गढ़ इंदौर सीट
साल 1989 के आम चुनाव में इंदौर सीट पर पहली बार बीजेपी ने चुनाव जीता। इस चुनाव में बीजेपी से सुमित्रा महाजन सांसद निर्वाचित हुईं। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने बीजेपी के टिकट पर इंदौर सीट से लगातार 7 चुनाव लड़े और हर बार बीजेपी को जीत दिलाई। 2014 का चुनाव जीतने के बाद सुमित्रा महाजन लोकसभा स्पीकर भी चुनी गईं। बता दें, कांग्रेस 1984 के बाद से इंदौर सीट पर फिर कभी नहीं जीत सकी।
क्या रहा पिछले चुनाव का परिणाम?
साल 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने इंदौर सीट से शंकर लालवानी को चुनावी मैदान में उतारा। वहीं, कांग्रेस ने शंकर लालवानी को हराने के लिए पंकज संघवी को चुनावी मैदान में उतारा था। चुनावी नतीजों में शंकर लालवानी को 5 लाख 47 हजार 754 वोट से जीत मिली। इस दौरान बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी कुल 10 लाख 68 हजार 569 वोट मिले। जबकि, कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को मात्र 5 लाख 20 हजार 815 वोट मिले। इस बार भी बीजेपी ने शंकर लालवानी पर भरोसा जताया।
Created On :   4 May 2024 9:20 PM IST