हिमाचल प्रदेश सियासी संकट: अभी भी मुश्किल में सुक्खू सरकार, प्रतिभा सिंह के बयान से बढ़ी आशंका, क्या कांग्रेस बदलेगी सीएम?

अभी भी मुश्किल में सुक्खू सरकार, प्रतिभा सिंह के बयान से बढ़ी आशंका, क्या कांग्रेस बदलेगी सीएम?
  • हिमाचल में खत्म नहीं हुआ सियासी संकट
  • विक्रमादित्य ने बीच में छोड़ी कैबिनेट मीटिंग
  • बागियों के संपर्क कई विधायक

डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहे हैं। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सरकार के लिए अभी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। जहां एक ओर बागी विधायकों के साथ हुई पार्टी पर्यवेक्षकों की बातचीत असफल रही, वहीं दूसरी तरफ विक्रमादित्य गुट सीएम सुक्खू को हटाने की मांग पर अड़ा हुआ है। कहा जा रहा है कि कल हुई कैबिनेट बैठक में मौजूद विक्रमादित्य सिंह भी बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए थे। इसके बाद वह रात करीब 12 बजे पंचकूला पहुंचे, जहां उन्होंने बागी विधायकों मुलाकात की।

पार्टी आलाकमान की ओर से राज्य के पर्यवेक्षक तौर पर भेजे गए डीके शिवकुमार भले ही यह कह रहे हों कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर मंडरा रहा संकट भले ही खत्म हो गया है। लेकिन, बागी विधायकों और विक्रमादित्य गुट की सीएम बदलने की डिमांड और राज्य की कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के हालिया बयान ने पार्टी में अदरुनी कलह पर एक बार फिर मुहर लगा दी है।

दरअसल, गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए प्रतिभा ने कहा था कि संकट को खत्म मान लेना अभी जल्दबाजी होगी। बता दें कि गुरुवार को डीके शिवकुमार ने कहा था कि हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है और सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम हैं। सभी विधायकों की मंशा है कि कांग्रेस सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे। बीजेपी का ऑपरेशन लोटस यहां नाकामयाब रहा है। सभी मतभेद सुलझा लिए गए हैं।

विक्रमादित्य ने वापस लिया इस्तीफा

कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 28 फरवरी को अपने पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि मंत्री होते हुए भी उन्हें अपमानित होना पड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने अपने पिता और राज्य के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का अनादर करने का आरोप भी अपनी ही सरकार पर लगाया था। हालांकि विक्रमादित्य के इस्तीफे को सीएम सुक्खू ने ये कहते हुए अस्वीकार कर लिया था कि वह उनके छोटे भाई जैसे हैं। साथ उन्होंने कहा था कि वह उनसे बात कर लेंगे। जिसके बाद सीएम और पर्यवेक्षकों के साथ हुई बैठक के बाद विक्रमादित्य ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था।

कब शुरु हुआ सियासी संकट

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर मंडरा रहे इस संकट की शुरुआत राज्यसभा चुनाव के परिणाम के बाद हुई। राज्य की एक सीट पर हुए चुनाव से पहले ये माना जा रहा था कि संख्याबल के आधार पर कांग्रेस आसानी से इस चुनाव को जीत लेगी। लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस से 15 विधायक कम होने के बावजूद इस चुनाव को जीत लिया। दरअसल, कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की जिस वजह से बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन ने इस चुनाव में जीत हासिल की।

Created On :   1 March 2024 12:31 PM IST

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