जज्जी का पोस्ट: सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक जयपाल सिंह जज्जी की सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल

सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक जयपाल सिंह जज्जी की सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल
  • बीजेपी की गुटबाज़ी पहले भी आ चुकी है बाहर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक जयपाल सिंह जज्जी की पोस्ट ने बीजेपी में गुटबाजी और असंतोष की तरफ इशारा किया है। दरअसल पूर्व विधायक ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट की है। अपनी पोस्ट में जज्जी ने सड़कों के प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से उनकी मुलाक़ात का ज़िक्र और तस्वीरें साझा की हैं। यहां तक सब कुछ ठीकठाक रहा, लेकिन पोस्ट में उन्होंने आगे लिखा है कि ‘श्रीमंत’ के नेतृत्व में जिले की सड़क के प्रस्ताव को लेकर माननीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी से भेंट की। वे आगे लिखते हैं ‘महाराज हैं तो मुमकिन है’।

आपकी जानकारी के लिए बीजेपी में अब तक खुलेतौर पर ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का नारा सुनाई देता रहा है। लेकिन उसके समानांतर ‘महाराज हैं तो मुमकिन है’ वाली बात एक बार फिर सिंधिया खेमे की प्रतिबद्धता को ज़ाहिर करती है। सब जानते हैं कि महाराज संबोधन ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

2020 में अपने दर्जनभर विधायकों के साथ कांग्रेस का साथ छोड़कर सिंधिया बीजेपी में शामिल हुए थे। सिंधिया समर्थक जयपाल सिंह जज्जी भी बीजेपी में शामिल हुए। खुलेतौर पर जज्जी की निष्ठा पार्टी से ज्यादा ‘महाराज’ के प्रति अधिक झलकती है। उनकी इस पोस्ट से एक बार फिर ये बात साफ़ हो गई है कि सिंधिया समर्थकों के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और बाक़ी सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण महाराज हैं। आपको बता दें बीजेपी भले ही कई मौकों पर गुटबाज़ी या अंदरूनी असंतोष की बात से मना करती हो, लेकिन कई मौके ऐसे है जिन पर ये सामने आ जाता है।

यही नहीं बीजेपी में दूसरी पार्टियों से आए नेताओं के बढ़ते तवज्जो से पार्टी के पुराने कार्यकर्ता और नेताओं में नाराजगी देखने को मिलती रहती है। हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए रामनिवास रावत को वन और पर्यावरण मंत्रालय आवंटित किए जाने पर निमाड़ के दिग्गज आदिवासी नेता नागर सिंह चौहान ने पार्टी छोड़ने तक की धमकी दी थी। यहीं नहीं इससे पहले अजय विश्नोई, गोपाल भार्गव जैसे बड़े नेता भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। अब पूर्व विधायक की इस पोस्ट के बाद एक बार फिर बीजेपी में अंदरूनी गुटबाज़ी और खेमेबाज़ी होने की बात जगजाहिर हुई है।

Created On :   21 Aug 2024 1:22 PM GMT

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