विधानसभा सत्र: राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मिला कांग्रेस डेलीगेशन, बजट सत्र की अवधि बढ़ाने की अपील की

राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मिला कांग्रेस डेलीगेशन, बजट सत्र की अवधि बढ़ाने की अपील की
  • एमसीयू कुलगुरु नियुक्ति को लेकर सिंघार ने सीएम को लिखा खत

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीते दिन राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की। नेता प्रतिपक्ष सिंघार की राज्यपाल से मुलाकात के दौरान कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहा। प्रतिनिधिमंडल में उपनेता हेमंत कटारे, विधायक फूलसिंह बरैया ,विधायक आरिफ मसूद और कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट भी मौजूद रहे।

कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से बजट सत्र के दौरान बैठकों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया। नेता प्रतिपक्ष ने विपक्ष की मांग संबंधी ज्ञापन भी राज्यपाल को सौंपा। सिंघार ने विधानसभा सत्र की अवधि 21 दिनों की रखने को कहा। आपको बता दें मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र की अधिसूचना दिनांक 06 फरवरी 2025 को जारी की गई है। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने बजट सत्र की तारीखों का ऐलान कर दिया है। विधानसभा का बजट सत्र का 10 मार्च से 24 मार्च तक चलेगा, इस बजट सत्र के दौरान 9 बैठकें प्रस्तावित हैं। विपक्ष ने इन्हें बढ़ाने की अपील की है।

विपक्षी नेताओं का कहना है कि 9 दिन की बैठक में राज्यपाल के कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव, सामान्य चर्चा, अनुदान मांगों पर चर्चा, प्रतिवेदनों समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा संभव नहीं हो सकेगी। पूर्व में बजट सत्र की बैठकें अधिक दिनों की रही हैं। विपक्षी प्रतिनिधिमंडल की ओर से दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि सत्र की 9 दिन की अवधि चर्चा के लिए पर्याप्त नहीं है। विपक्षी नेताओं का ये भी कहना है कि वास्तव में सत्र के दौरान केवल 7 दिन ही चर्चा हो सकेगी।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मध्य प्रदेश के इतिहास में बजट सत्र की अवधि सबसे कम है। कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन पत्र में जनहित संबंधी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए फैसले पर पुनर्विचार कर बजट सत्र की 9 दिन की अवधि को 21 दिवस घोषित की जाए।

उससे पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में कुलगुरु पद पर नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर पत्र लिखा। सीएम को लिखे लेटर में सिंघार ने कहा 5 महीने से एमसीयू बिना कुलगुरू के चल रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कुलगुरु नियुक्ति को लेकर कुछ सवाल भी खड़े किए हैं। उन्होंने मुख्य मंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखे पत्र में कुलगुरु की नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर आपत्ति जताई है।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कुलगुरु पद पर किसी विशेष विचारधारा के व्यक्ति को नियुक्त करने से शिक्षा प्रभावित होती है। कांग्रेस नेताओं का ये भी कहना है कि दो दशक से अधिक समय से मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है। एमसीयू में ना केवल कुलगुरु बल्कि एमसीयू के करीब 11 विभागों के विभागाध्यक्षों में से एक भी दलित समुदाय का नहीं है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट के मुताबिक एक भी एचओडी एससी और एसटी का नहीं है। जबकि यूजीसी की धारा 12(बी) के तहत एमसीयू मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय है।

विश्वविद्यालय महापरिषद के सदस्य होने के नाते सिंघार ने नियुक्ति प्रक्रिया की जांच कराने की मांग की है। सिंघार ने कुलगुरु नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन क्रमांक 01/2024, 30 अक्टूबर 2024 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानकों के अनुरूप न होने का आरोप लगाया है। सिंघार ने इस पर सीएम से संज्ञान लेते हुए जांच कराने और नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और विधिवत रूप से पूरा करने की मांग की है। सिंघार ने कहा है कि एमसीयू में नियुक्तियों में बिना अनियमितता के पारदर्शिता होने की बात कही है। आशंका लगाई जा रही है कि आगामी विधानसभा सत्र में एमसीयू का मुद्दा सत्र में गूंजेगा।

Created On :   8 Feb 2025 12:49 PM IST

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